दलाई लामा के अनमोल विचार | Dalai Lama Quotes in Hindi

नमस्कार दोस्तों, आज हम लेकर आए हैं। एक ऐसे महापुरुष के अनमोल विचार दलाई लामा के अनमोल विचार | Dalai Lama Quotes in Hindi जिन्होंने देश और समाज में अपने विचारों और कार्यों के माध्यम से देश और दुनिया को प्रेरित किया और समाज को एक नई दिशा दी। अनेकों कठिनाइयों के बावजुद समाज और देश में फैले कुरीतियों को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। इनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक माने जाते हैं। तो चलिए आपको इनके विचारों से रूबरू कराते हैं। जिन्हें पढ़कर आप सदा प्रेरणा प्राप्त करेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।

THIS POST INCLUDES:–

  • दलाई लामा  – संक्षिप्त परिचय
  • दलाई लामा के अनमोल विचार | Dalai Lama Quotes in Hindi
  • Frequently Asked Questions (FAQS)
  • ये भी पढ़ें अन्य संबंधित सुविचार

दलाई लामा – संक्षिप्त परिचय

  • वास्तविक नाम - तेनजिन ग्यासो
  • जन्म -  6 जुलाई, 1935 उत्तर-पूर्वी तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र
  • माता-पिता - डिकी त्सेरिंग , चोएकयोंग त्सेरिंग
  • भाई-बहन – थुबतेन जिग्मे नोरबू (भाई), जेटसन पेमा (बहन)
  • विवाह - अविवाहित
  • शिक्षा - गेशे ल्हारम्पा डिग्री (बौद्ध दर्शन में डॉक्टरेट)
  • पेशा - आध्यात्मिक गुरु
  • सम्मान - शान्ति का नोबेल पुरस्कार, रेमन मैग्सेसे पुरस्कार
  • धर्म - बौद्ध धर्म

दलाई लामा के अनमोल विचार | Dalai Lama Quotes in Hindi

  1. जीवन का प्रथम लक्ष्य है, दूसरों की सहायता करना और यदि आप दूसरों की सहायता नहींं कर सकते, तो कम से कम उन्हें आहत तो न करें।
  2. आंतरिक शक्ति का मतलब है - खुद को जानना और मुश्किल हालात में भी मजबूत बने रहना।
  3. सबसे बड़ी प्रतिकूलता, के तहत ही स्वयं के लिए और दूसरों के लिए अच्छा करने की सबसे बड़ी क्षमता मौजूद होती है।
  4. मेरी चुप्पी को कभी भी अज्ञानता, मेरी शांति को स्वीकृति या मेरी दयालुता को कमज़ोरी, मत समझना। करुणा और सहनशीलता कमज़ोरी की निशानी नहीं, बल्कि ताकत की निशानी है।
  5. जब आप कृतज्ञता का अभ्यास करते हैं, तो दूसरों के प्रति सम्मान की भावना होती है।
  6. जब आपको एहसास हो कि आपने गलती की है, तो उसे सुधारने के लिए तुरंत कदम उठाएँ।
  7. केवल शिक्षा ज्ञान प्राप्त करने के बारे में नहीं है, बल्कि यह एक व्यक्ति को एक बेहतर इंसान बनाने के बारे में भी है। उनका मानना ​​है कि शिक्षा लोगों को अधिक सहानुभूतिपूर्ण, दयालु और जिम्मेदार बनाने में मदद करती है। 
  8. सच्चा नायक वह है, जो अपने क्रोध और घृणा पर विजय प्राप्त कर लेता है।
  9. समय का उचित उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है। जब तक हमारे पास यह शरीर है, और विशेष रूप से यह अद्भुत मानव मस्तिष्क है, मुझे लगता है कि हर मिनट कीमती है।
  10. क्रोध आपके मन की शांति का अंतिम विध्वंसक है।
  11. हम धर्म और चिंतन के बिना रह सकते हैं, पर मानवीय प्रेम के बिना नहींं।
  12. जब हम असफल होते हैं, तो हम सीख सकते हैं और मजबूत बन सकते हैं।
  13. अपना ज्ञान बाँटें। यह अमरता प्राप्त करने का एक तरीका है।
  14. अगर आपको लगता है, कि आप बदलाव लाने के लिए बहुत छोटे हैं! तो मच्छर के साथ सोने की कोशिश करें।
  15. सबसे बड़ी प्रतिकूलता के तहत ही अपने और दूसरों के लिए अच्छा करने की सबसे बड़ी संभावना होती है।
  16. जब आप साँस अंदर लें, तो खुद को संजोएँ। जब आप साँस बाहर छोड़ें, तो सभी प्राणियों को संजोएँ।
  17. जब तक हम अपने आप से सुलह नहींं कर लेते। तब तक हम दुनिया से भी कभी सुलह नहींं कर सकते।
  18. आशावाद का मतलब यह नहीं है कि, आप स्थिति की वास्तविकता के प्रति अंधे हैं। इसका मतलब है कि, आप जो भी समस्याएँ आती हैं, उनका समाधान खोजने के लिए प्रेरित रहते हैं।
  19. नियमों को अच्छी तरह से जानें, ताकि आप उन्हें प्रभावी ढंग से तोड़ सकें।
  20. मैं अपने दुश्मनों को तब हराता हूँ, जब मैं उन्हें अपना दोस्त बनाता हूँ।
  21. सहिष्णुता के अभ्यास में, आपका शत्रु ही आपका सर्वश्रेष्ठ शिक्षक होता है।
  22. आप हमेशा कठिन परिस्थितियों से बचने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। लेकिन आप इस बात को बदल सकते हैं कि आप स्थिति पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं? जिससे आप किस हद तक पीड़ित हो सकते हैं?
  23. जब आप कुछ गंवा बैठते हैं, तो उससे प्राप्त शिक्षा को कभी न गंवाएं।
  24. सकारात्मक पक्ष और सम्भावनाओं को देखें और प्रयास करें।
  25. अगर आप चाहते हैं कि दूसरे खुश रहें, तो करुणा का अभ्यास करें। अगर आप खुश रहना चाहते हैं, तो करुणा का अभ्यास करें।
  26. हमारी खुशी का स्रोत हमारे ही भीतर है, और यह स्रोत दूसरों के प्रति संवेदना से पनपता है।
  27. अपनी सफलता का मूल्यांकन, इस बात से करें! कि उसे पाने के लिए आपको क्या छोड़ना पड़ा?
  28. जितना अधिक आप प्रेम से प्रेरित होंगे, आपके कार्य उतने ही निडर और स्वतंत्र होंगे।
  29. आशावादी बनें, इससे बेहतर महसूस होगा।
  30. शांति का मतलब, संघर्षों का अभाव नहीं है। मतभेद हमेशा रहेंगे। शांति का मतलब है, इन मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाना। संवाद, शिक्षा , ज्ञान और मानवीय तरीकों से।
  31. दोस्ती, भरोसे पर निर्भर करती है। पैसे पर नहीं, ताकत पर नहीं, सिर्फ़ शिक्षा या ज्ञान पर नहीं। भरोसा होने पर ही दोस्ती होगी।
  32. किसी और की कार्रवाई से आपकी प्रतिक्रिया निर्धारित नहीं होनी चाहिए।
  33. प्रसन्नता पहले से निर्मित कोई चीज नहींं है। ये आप ही के कर्मों से आती है।
  34. खुशी हमेशा किसी प्रयास से नहीं मिलती। कभी-कभी यह तब मिलती है जब हम इसकी कम से कम उम्मीद करते हैं।
  35. किसी व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण आवश्यक है।
  36. यदि आप दूसरों को प्रसन्न देखना चाहते हैं, तो करुणा का भाव रखें। यदि आप स्वयम प्रसन्न रहना चाहते हैं, तो भी करुणा का भाव रखें।
  37. सकारात्मक सोच हमारे मन और शरीर दोनों को स्वस्थ बनाती है। सकारात्मक होना सिर्फ़ मुस्कुराने से नहीं है। इसका मतलब है जीवन को देखने का एक मज़बूत नज़रिया बनाना।
  38. सभी प्रमुख धार्मिक परम्पराएं मूल रूप से एक ही संदेश देती हैं – प्रेम, दया,और क्षमा। महत्वपूर्ण बात यह है कि ये हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा होनी चाहिए।
  39. इस जीवन में हमारा मुख्य उद्देश्य दूसरों की मदद करना है, और यदि आप उनकी मदद नहीं कर सकते हैं, तो कम से कम उन्हें चोट न पहुँचाएँ।”
  40. मेरा धर्म बहुत सरल है, मेरा धर्म दयालुता है।
  41. भले ही हमें शारीरिक कष्ट हों, हम बहुत खुश रह सकते हैं।
  42. लोग संतुष्टि और खुशी की तलाश में अलग-अलग रास्ते अपनाते हैं। सिर्फ़ इसलिए कि वे आपके रास्ते पर नहीं हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि वे खो गए हैं।
  43. जीवन उतार-चढ़ाव से भरा हुआ है। जब दुनिया अस्त-व्यस्त लगती है, तो एक मार्गदर्शक प्रकाश की मदद से मदद मिलती है।
  44. यह याद रखना अच्छा है कि दूसरे इंसान भी हमारे जैसे ही हैं। हम एक ही तरह से पैदा होते हैं! हम एक ही तरह से मरते हैं। जब तक हम जीवित हैं, तब तक एक-दूसरे पर दोस्तों के रूप में भरोसा करना बेहतर है।
  45. प्रेम और करुणा आवश्यकताएं हैं, विलासिता नहींं। उनके बिना मानवता जीवित नहींं रह सकती।
  46. हमारे जीवन का उद्देश्य खुश रहना है।
  47. कभी-कभी कुछ कह कर लोग अपनी एक प्रभावशाली छाप बना देते हैं और कभी-कभी लोग चुप रहकर भी अपनी एक प्रभावशाली छाप बना देते हैं।
  48. आप जितना अधिक प्रेम से प्रेरित होंगे। आपका कार्य, उतना ही अधिक निडर और स्वतंत्र होगा।
  49. क्रोध या घृणा, मछुआरे के हुक की तरह है। हमारे लिए यह सुनिश्चित करना, बहुत महत्वपूर्ण है कि हम इसके जाल में न फँसें।
  50. यदि आप एक विशेष विश्वास या धर्म में आस्था रखते हैं, तो ये अच्छी बात है। लेकिन आप इसके बिना भी जीवित रह सकते हैं।
  51. यह ज़रूरी है कि हम अपना दृष्टिकोण और ह्रदय जितना सभव हो अच्छा करें। इसी से हमारे और अन्य लोगों के जीवन में, अल्पकाल और दीर्घकाल दोनों में ही खुशियाँ आयेगी।
  52. खुश लोग, अपनी आंतरिक दुनिया बनाते हैं। दुखी लोग, अपनी बाहरी दुनिया को दोष देते हैं।
  53. सहिष्णुता के अभ्यास में, एक दुश्मन ही सबसे अच्छा शिक्षक है।
  54. जब कभी संभव हो दयालु बने, और ये हमेशा संभव है।
  55. इस दुनिया को और अधिक सफल लोगों की आवश्यकता नहीं है। दुनिया को और अधिक शांतिदूतों, उपचारकों, पुनर्स्थापकों, कहानीकारों और सभी प्रकार के प्रेमियों की सख्त आवश्यकता है।
  56. पुराने दोस्त छूटते हैं और नए दोस्त बनते हैं। यह दिनों की तरह ही है। एक पुराना दिन बीतता है, तो एक नया दिन आता है। लेकिन जरुरी है उसे सार्थक बनाना चाहे। वह एक सार्थक मित्र हो या सार्थक दिन।
  57. प्रसन्न रहना हमारे जीवन का उद्देश्य है।
  58. सहिष्णुता के अभ्यास में, व्यक्ति का शत्रु ही सबसे अच्छा शिक्षक होता है।
  59. जब हम दूसरों के प्रति प्रेम और दया महसूस करते हैं, तो इससे न केवल दूसरों को प्रेम और देखभाल का एहसास होता है, बल्कि इससे हमें आंतरिक खुशी और शांति विकसित करने में भी मदद मिलती है।
  60. समय बिना रुके चला जाता है। जब हम गलतियां करते हैं, तो हम समय को नहींं बदल सकते है और बदलकर दोबारा कोशिश नहींं कर सकते। हम लोग केवल वर्तमान समय का अच्छे से अच्छा उपयोग ही कर सकते हैं।
  61. अगर आप दूसरों की मदद करने में सक्षम है, तो जरूर करिए। लेकिन यदि आप मदद नहीं कर सकते, तो कम से कम उन्हें नुकसान मत पहुंचाइए।
  62. मेरे लिए प्रेम और करुणा ही सच्चे धर्म हैं। लेकिन इसे विकसित करने के लिए, हमें किसी धर्म में विश्वास करने की आवश्यकता नहीं है।
  63. प्रेम और सहानुभूति आवश्यकताएँ है, विलासिता नहीं। इनके बिना मानवता जीवित नहीं रह सकती।
  64. सभी प्रमुख धार्मिक परम्पराएं मूल रूप से एक ही संदेश देती है। प्यार, कृपा और क्षमा। और महत्वपूर्ण बात यह की ये हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा होनी चाहिए।
  65. हम सभी को एक साथ रहना है, इसलिए हमें एक साथ खुशी से रहना चाहिए।
  66. आधुनिक शिक्षा प्रणाली, के बारे में मेरा हमेशा से यही दृष्टिकोण रहा है। हम मस्तिष्क के विकास पर ध्यान देते हैं, लेकिन सौहार्द के विकास को हम हल्के में लेते हैं।
  67. हम धर्म और चिंतन के बिना रह सकते है। पर मानवीय प्रेम के बिना नहीं।
  68. यद्यपि आप हमेशा कठिन परिस्थितियों से बच नहीं सकते। फिर भी आप उस स्थिति पर अपनी प्रतिक्रिया के माध्यम से अपनी पीड़ा की सीमा को कम कर सकते हैं।
  69. एक छोटे से झगड़े से एक महान रिश्ते को घायल मत होने देना।
  70. केवल, दूसरों के लिए करुणा और समझ का विकास ही हमें वह शांति और खुशी दे सकता है। जिसकी हम सभी तलाश करते हैं।
  71. शांत मन, आंतरिक शक्ति और आत्मविश्वास लाता है। इसलिए यह अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
  72. करुणा दो तरह की होती है। पहली करुणा हमारे करीबी दोस्तों और परिवार के लिए स्वाभाविक चिंता से आती है। इसकी सीमा सीमित है लेकिन यह किसी बड़ी चीज का बीज हो सकती है। हम दूसरों की भलाई के लिए भी सच्ची चिंता करना सीख सकते हैं, चाहे वे कोई भी हों। यही सच्ची करुणा है और केवल मनुष्य ही इसे विकसित करने में सक्षम हैं।
  73. जब हमारे अंदर शांति होती है, तो हम अपने आस-पास के लोगों के साथ शांति से रह सकते हैं। जब हमारा समुदाय, शांति की स्थिति में होता है, तो वह उस शांति को पड़ोसी समुदायों के साथ साझा कर सकता है।
  74. आइये, हम प्रत्येक दिन की अनमोल प्रकृति को पहचानने का प्रयास करें।
  75. खुशी कोई पहले से तैयार की गई चीज़ नहीं है। यह आपके अपने कार्यों से आती है।
  76. महत्वपूर्ण बात यह है कि मनुष्य के जीवन में कोई उद्देश्य होना चाहिए। यह कुछ उपयोगी, कुछ अच्छा होना चाहिए।
  77. सकारात्मक कर्म करने के लिए हमें यहां सकारात्मक Attitude विकसित करना होगा।
  78. मैं आपको यह सुझाव नहीं दूँगा कि मेरा तरीका सबसे अच्छा है। निर्णय आपको करना है। यदि आपको कोई ऐसा बिंदु मिलता है जो आपके लिए उपयुक्त हो सकता है, तो आप अपने लिए प्रयोग कर सकते हैं। यदि आपको लगता है कि यह किसी काम का नहीं है, तो आप इसे त्याग सकते हैं।
  79. समृद्ध बनने के लिए, एक व्यक्ति को शुरू में बहुत मेहनत करनी पड़ती है, इसलिए उसे बहुत सारे ख़ाली समय का त्याग करना पड़ता है।
  80. अपनी स्वयं की क्षमता को पहचानकर तथा अपनी योग्यता पर आत्मविश्वास रखकर, व्यक्ति एक बेहतर विश्व का निर्माण कर सकता है।
  81. जब तक हम स्वयं के साथ शांति नहीं प्राप्त लेते। तब तक हम बाहरी दुनिया में शांति प्राप्त नहीं कर सकते।
  82. हमारे सामने आने वाली चुनौतियों के प्रति उदासीन बने रहना अक्षम्य है। यदि लक्ष्य महान है, तो यह हमारे जीवनकाल में प्राप्त होगा या नहीं, यह काफी हद तक अप्रासंगिक है। इसलिए हमें जो करना चाहिए। वह है प्रयास करना और दृढ़ रहना और कभी हार न मानना।
  83. जीवन का लक्ष्य किसी अन्य व्यक्ति से बेहतर होना नहीं है। बल्कि खुद से बेहतर होना है।
  84. विश्व शांति, आंतरिक शांति से विकसित होनी चाहिए। शांति का मतलब सिर्फ़ हिंसा का अभाव नहीं है। मेरा मानना ​​है कि शांति मानवीय करुणा की अभिव्यक्ति है।
  85. हमारे जीवन का उद्देश्य प्रसन्न रहना है।
  86. इस बात को ध्यान में रखें कि महान प्रेम और महान उपलब्धियों में बड़ा जोखिम शामिल होता है।
  87. चूँकि हम सभी इस ग्रह पृथ्वी को साझा करते हैं, इसलिए हमें एक-दूसरे के साथ और प्रकृति के साथ सद्भाव और शांति से रहना सीखना होगा। यह सिर्फ़ एक सपना नहीं है, बल्कि एक ज़रूरत है।
  88. दूसरों के व्यवहार को अपनी आंतरिक शांति नष्ट न करने दें।
  89. सभी दुःख अज्ञानता के कारण होते है। लोग अपनी खुशी और संतुष्टि के स्वार्थ में दूसरों को पीड़ा पहुंचाते है।
  90. खुशी का अंतिम स्रोत धन और शक्ति नहीं, बल्कि सौहार्द है
  91. दयालु, ईमानदार और सकारात्मक विचार रखने वाले बनें। जो हमें नुकसान पहुंचाते हैं। उन्हें माफ कर दें और सभी के साथ मित्र जैसा व्यवहार करें। जो पीड़ित हैं, उनकी मदद करें और खुद को कभी किसी से श्रेष्ठ न समझें। भले ही यह सलाह बहुत सरल लगे, लेकिन यह देखने का प्रयास करें कि क्या इसका पालन करने से आपको अधिक खुशी मिल सकती है?
  92. अगर कोई समस्या हल हो सकती है तो उसे हल किया जाएगा। अगर वह हल नहीं हो सकती तो, उसके बारे में चिंता करने का कोई फायदा नहीं है।
  93. सहिष्णुता के अभ्यास में, व्यक्ति का शत्रु ही सबसे अच्छा शिक्षक होता है।
  94. हर दिन कुछ समय हमको अकेले में बिताना चाहिए।
  95. चाहे कोई अमीर हो या गरीब, शिक्षित हो या अशिक्षित, धार्मिक हो या नास्तिक, पुरुष हो या महिला, काला, सफेद या भूरा, हम सभी एक जैसे हैं। शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक रूप से हम सभी समान हैं। हम सभी को भोजन, आश्रय, सुरक्षा और प्यार जैसी बुनियादी ज़रूरतें साझा हैं। हम सभी खुशी की आकांक्षा रखते हैं और हम सभी दुख से दूर रहते हैं। हम में से प्रत्येक के पास उम्मीदें, चिंताएं, डर और सपने हैं। हम में से प्रत्येक अपने परिवार और प्रियजनों के लिए सबसे अच्छा चाहता है। जब हम नुकसान उठाते हैं तो हम सभी को दर्द होता है और जब हम जो चाहते हैं उसे प्राप्त करते हैं तो हमें खुशी होती है। इस बुनियादी स्तर पर, धर्म, जातीयता, संस्कृति और भाषा कोई फर्क नहीं डालती है।
  96. याद रखना! महान प्रेम और महान उपलब्धियों में महान जोखिम शामिल होते है।
  97. ध्यान रखे की सबसे अच्छा रिश्ता वह है। जिसमें एक दूसरे के लिए आपका प्यार एक दूसरे की जरूरत से बढ़कर हो।
  98. एक अनुशासित मन खुशी की ओर ले जाता है, और एक अनुशासनहीन मन दुख की ओर ले जाता है।
  99. केवल दूसरों के प्रति करुणा और समझ का विकास ही हमें वह शांति और खुशी प्रदान कर सकता है। जिसकी हम सभी तलाश करते हैं।
  100. आप अपनी योग्यता को जानकर और उस पर विश्वास करके एक सुंदर संसार का निर्माण कर सकते है।
  101. मुझे सबसे ज़्यादा आश्चर्य "मनुष्य" से होता है क्योंकि वह पैसा कमाने के लिए अपने स्वास्थ्य का त्याग करता है। फिर वह अपने स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए पैसे का त्याग करता है। और फिर वह भविष्य के बारे में इतना चिंतित हो जाता है कि वह वर्तमान का आनंद नहीं ले पाता। इसका परिणाम यह होता है कि वह न तो वर्तमान में जीता है और न ही भविष्य में। वह ऐसे जीता है जैसे वह कभी मरने वाला ही नहीं है, और फिर वह बिना वास्तव में जीए ही मर जाता है।
  102. करुणा धार्मिक व्यवसाय नहीं है, यह मानवीय व्यवसाय है। यह विलासिता नहीं है, यह हमारी अपनी शांति और मानसिक स्थिरता के लिए आवश्यक है। यह मानव अस्तित्व के लिए आवश्यक है।
  103. जिन्हें आप प्यार करते हैं उन्हें उड़ने के लिए पंख, वापस आने के लिए जड़ें और रहने के लिए कारण दें।
  104. सच्चा नायक वह है, जो अपने क्रोध और घृणा पर विजय प्राप्त करता है।
  105. यदि आप चाहते हैं कि दूसरे लोग खुश रहें, तो करुणा का अभ्यास करें। यदि आप खुश रहना चाहते हैं, तो करुणा का अभ्यास करें।
  106. दूसरों के प्रति सच्चा दयालु रवैया तब भी नहीं बदलता। जब वे नकारात्मक व्यवहार करते हैं या आपको चोट पहुँचाते हैं।
  107. महानता सीखने के लिए सबसे पहले दूसरो का आदर करना बहुत जरूरी है।
  108. बुरा समय एक ऐसी तिजोरी होती है। जहां से कामयाबी के हथियार मिलते है।
  109. प्रेम और करुणा आवश्यकताएं हैं, विलासिता नहीं। उनके बिना मानवता जीवित नहीं रह सकती।
  110. हृदय परिवर्तन से ही दुनिया में बदलाव लाया जा सकता है।
  111. ईमानदार, सच्चे और परोपकारी बनें। अगर आप दूसरों की देखभाल करने में लगे रहेंगे, तो झूठ, बदमाशी और धोखाधड़ी के लिए कोई जगह नहीं होगी। अगर आप सच्चे हैं, तो आप पारदर्शी तरीके से रह सकते हैं। जिससे आप विश्वास स्थापित कर पाएंगे, जो दोस्त बनाने का आधार है।
  112. करुणा हमारे समय की मौलिकता है।
  113. सच्चा हीरो वह होता है। जो अपने क्रोध को काबू में कर लेता है।
  114. करुणा, एक ऐसी क्रिया है जो दुनिया को बेहतर बनाती है। जब हम करुणा दिखाते हैं, तो हम अंदर शांति पाते हैं और अपने समुदायों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
  115. जब कुछ गंवा बैठते हैं, तो उससे प्राप्त सीख को न गवाएं।
  116. नींद, सबसे अच्छा ध्यान है।
  117. दूसरों के व्यवहार से, अपने मन की शांति नष्ट न करें।
  118. ज़्यादातर लोग चेहरे पर मुस्कान पसंद करते हैं , बजाय चेहरे पर शिकन के। यह मानव स्वभाव है। यहां तक ​​कि कुत्ते भी मुस्कान और स्नेह के अन्य भावों पर अपनी पूंछ हिलाकर प्रतिक्रिया देते हैं।
  119. करुणा, स्वाभाविक रूप से एक सकारात्मक वातावरण बनाती है, और परिणामस्वरूप आप शांतिपूर्ण और संतुष्ट महसूस करते हैं।
  120. मानव क्षमता सभी के लिए समान है। आपकी यह भावना, "मैं किसी काम का नहीं हूँ", गलत है। बिलकुल गलत। आप खुद को धोखा दे रहे हैं। हम सभी के पास विचार करने की शक्ति है - तो आपमें क्या कमी है? अगर आपके पास इच्छाशक्ति है, तो आप कुछ भी बदल सकते हैं। आमतौर पर कहा जाता है कि आप अपने खुद के मालिक हैं।
  121. सहिष्णुता के अभ्यास में आपका शत्रु ही आपका सबसे अच्छा शिक्षक होता है।
  122. व्यक्तिगत रूप से, हम अपने परिवारों को प्रभावित कर सकते हैं। हमारे परिवार हमारे समुदायों को प्रभावित कर सकते हैं और हमारे समुदाय हमारे राष्ट्रों को प्रभावित कर सकते हैं।
  123. नियमों को अच्छी तरह से जानें, ताकि आप उन्हें प्रभावी ढंग से तोड़ सकें।
  124. यदि आप दूसरों को खुशी देना चाहते हो, तो सहन करना सीखे। यदि आप खुश रहना चाहते हो, तो सहानुभूति का अभ्यास करें।
  125. जब आप कृतज्ञता का अभ्यास करते हैं, तो दूसरों के प्रति सम्मान की भावना पैदा होती है।
  126. ईश्वर का कोई धर्म नहीं है।
  127. आपको उन लोगों से घृणा नहीं करनी चाहिए। जो गलत या हानिकारक काम करते हैं। लेकिन करुणा के साथ, आपको उन्हें रोकने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, वह करना चाहिए। क्योंकि वे खुद को नुकसान पहुंचा रहे हैं, साथ ही साथ उन लोगों को भी जो उनके कार्यों से पीड़ित हैं।
  128. जब आप साँस अंदर लें, तो खुद को संजोएं। जब आप साँस बाहर छोड़ें, तो सभी प्राणियों को संजोएं।
  129. घर वह है जहाँ आप घर जैसा महसूस करते हैं और आपके साथ अच्छा व्यवहार किया जाता है।
  130. अपनी क्षमताओं को जानकर और उनमें यकीन करके ही हम एक बेहतर विश्व का निर्माण कर सकते है।
  131. जब कभी भी संभव हो, नम्र बनिए और ये हमेशा संभव है।
  132. इस बात को ध्यान में रखें कि महान प्रेम और महान उपलब्धियों में बड़ा जोखिम शामिल होता है।
  133. आप जो कुछ भी करते हैं, उसका कुछ न कुछ प्रभाव होता है।
  134. जब हम दूसरों के प्रति प्रेम और दया महसूस करते हैं, तो इससे न केवल दूसरों को प्रेम और देखभाल का एहसास होता है, बल्कि इससे हमें आंतरिक खुशी और शांति विकसित करने में भी मदद मिलती है।
  135. सकारात्मक कार्य करने के लिए, हमें सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना होगा।
  136. याद रखें! कि सबसे अच्छा रिश्ता वह है, जिसमें एक दूसरे के लिए प्यार एक दूसरे की जरूरत से ज्यादा है।
  137. खुशियां पाने का सबसे अच्छा तरीका पैसा और ताकत नहीं है। बल्कि प्रेम की भावना होना है।
  138. हमारे जीवन का उद्देश्य खुशी की तलाश करना है। चाहे कोई धर्म में विश्वास करता हो या नहीं। चाहे कोई उस धर्म में विश्वास करता हो या इस धर्म में, हम सभी जीवन में कुछ बेहतर की तलाश कर रहे हैं। इसलिए मुझे लगता है, हमारे जीवन की गति खुशी की ओर है।
  139. अधिक शांतिपूर्ण और खुशहाल समाज का निर्माण व्यक्ति के स्तर से शुरू होना चाहिए, और वहां से यह व्यक्ति के परिवार, उसके पड़ोस, उसके समुदाय और इसी तरह आगे तक फैल सकता है।
  140. चाहे हम आस्तिक हों या अज्ञेयवादी, चाहे हम ईश्वर में विश्वास करते हों या कर्म में , नैतिक आचार एक ऐसी संहिता है जिसका पालन हर कोई कर सकता है।
  141. शांत मन आंतरिक शक्ति और आत्मविश्वास लाता है , इसलिए यह अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
  142. कभी-कभी चीजें गलत हो जाती हैं, यह
  143.  सामान्य बात है। लेकिन हमारे यहां तिब्बती में एक कहावत है, 'नौ बार असफल होने पर, नौ बार पुनः प्रयास करें।
  144. अगर आपको किसी दर्द या पीड़ा का डर है, तो आपको जांच करनी चाहिए कि क्या आप इसके बारे में कुछ कर सकते हैं? अगर आप कर सकते हैं, तो इसके बारे में चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। अगर आप कुछ नहीं कर सकते हैं, तो भी चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है।
  145. एक अनुशासित मन खुशी की ओर ले जाता है और एक अनुशासनहीन मन दुख की ओर ले जाता है।
  146. अपने ज्ञान को बांटे। यह अमरता प्राप्त करने का एक तरीका है।
  147. हम सभी में विचार करने की शक्ति होती है - तो आपमें क्या कमी है? अगर आपके पास इच्छाशक्ति है, तो आप कुछ भी बदल सकते हैं।
  148. जब हम दूसरों के प्रति प्रेम और दया महसूस करते हैं, तो यह न केवल दूसरों को प्यार और देखभाल का एहसास कराता है, बल्कि यह हमें आंतरिक खुशी और शांति विकसित करने में भी मदद करता है।
  149. सच्चा परिवर्तन भीतर है, बाहर को वैसा ही रहने दो। जैसा वह है।
  150. कर्म, ध्यान से अधिक महत्वपूर्ण है।
  151. आशावादी बनिए। इससेे बेहतर महसूस होता है।
  152. मुझे नहीं पता कि ब्रह्मांड, जिसमें अनगिनत आकाशगंगाएँ, तारे और ग्रह हैं, का कोई गहरा अर्थ है या नहीं, लेकिन कम से कम यह तो स्पष्ट है कि हम मनुष्य जो इस धरती पर रहते हैं। उन्हें अपने लिए एक खुशहाल जीवन बनाने का काम करना है। इसलिए, यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि सबसे ज़्यादा खुशी किस चीज़ से मिलेगी?
  153. खुला दिल खुला दिमाग होता है।
  154. साल में सिर्फ़ दो दिन ऐसे होते हैं जब कुछ नहीं किया जा सकता। एक को कल कहा जाता है और दूसरे को आने वाला कल, इसलिए आज प्यार करने, विश्वास करने, कुछ करने और ज़्यादातर जीने का सही दिन है।
  155. हम बाहरी दुनिया में कभी शांति नहीं पा सकते। जब तक कि हम स्वयं अंदर से शान्त न हो।
  156. जहाँ अज्ञान हमारा स्वामी है, वहाँ वास्तविक शांति की कोई संभावना नहीं है।
  157. जब हम जीवन में वास्तविक त्रासदी का सामना करते हैं, तो हम दो तरह से प्रतिक्रिया कर सकते हैं! या तो आशा खोकर और आत्म-विनाशकारी आदतों में पड़कर या चुनौती का उपयोग करके, अपनी आंतरिक शक्ति को खोजकर।
  158. हम गहराई से देखें और पहचानें कि हम मनुष्य शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से एक जैसे हैं।
  159. याद रखें कि कभी-कभी जो आप चाहते हैं वह न मिलना भी भाग्य का अद्भुत परिणाम होता है।
  160. शांति इंसान के कर्मों पर निर्भर है। इंसान के कर्म, विचार और प्रेरणा से होते हैं।
  161. आशावाद सफलता की ओर ले जाता है; निराशावाद हार की ओर ले जाता है।
  162. यदि आप खुद से प्यार नहीं करते हैं। तो आप दूसरों से प्यार नहीं कर सकते।
  163. यदि हम दूसरों की देखभाल करने में ईमानदार हैं। यदि हम उनके जीवन की रक्षा करते हैं और उनके अधिकारों का सम्मान करते हैं, तो हम अपने जीवन को पारदर्शी रूप से संचालित करने में सक्षम होंगे और यही विश्वास का आधार है, जो बदले में मित्रता का आधार है।
  164. जितना अधिक आप प्रेमपूर्ण दयालुता की भावना को पोषित करेंगे, आप उतने ही अधिक खुश और शांत रहेंगे।
  165. कभी हार मत मानो। चाहे कुछ भी हो रहा हो, चाहे आपके आस-पास कुछ भी चल रहा हो, कभी हार मत मानो।
  166. चूँकि प्रेरणा सभी कार्यों में व्याप्त है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हमारे पास सकारात्मक प्रेरणा हो। हम जिस भी क्षेत्र में शामिल हैं, चाहे वह राजनीति, शिक्षा, चिकित्सा, कानून, इंजीनियरिंग, विज्ञान, व्यवसाय या उद्योग हो, हमारी प्रेरणा की प्रकृति हमारे काम के चरित्र को निर्धारित करती है।
  167. दूसरों के व्यवहार को, अपने मन की शांति को नष्ट करने का अधिकार ना दे।
  168. यह सोचने के बजाय कि यह आपके साथ क्यों हो रहा है, इस पर विचार करें कि यह आपके साथ क्यों हो रहा है।
  169. हिंसा के माध्यम से, आप एक समस्या को 'समाधान' कर सकते हैं, लेकिन आप दूसरे के लिए बीज बोते हैं।
  170. जब हम करुणा और ज्ञान से प्रेरित होते हैं, तो हमारे कार्यों के परिणाम सभी को लाभ पहुंचाते हैं, न कि केवल हमारे व्यक्तिगत को  या किसी तात्कालिक सुविधा को। जब हम अतीत के अज्ञानतापूर्ण कार्यों को पहचानने और उन्हें माफ़ करने में सक्षम होते हैं, तो हमें वर्तमान की समस्याओं को रचनात्मक रूप से हल करने की ताकत मिलती है।
  171. कभी हार मत मानो। चाहे कुछ भी हो रहा हो। कभी हार मत मानो।
  172. एक सच्चा हीरो वही होता है, जो खुद के गुस्से को परास्त करता है।
  173. किसी और के कार्यों से आपकी प्रतिक्रिया निर्धारित नहीं होनी चाहिए।
  174. साल में एक बार, ऐसी जगह जाएँ। जहाँ आप पहले कभी न गए हों।
  175. आज जीवित लोगों के रूप में, हमें भविष्य की पीढ़ियों पर विचार करना चाहिए : एक स्वच्छ पर्यावरण किसी भी अन्य अधिकार की तरह एक मानव अधिकार है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना दूसरों के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी का हिस्सा है कि हम जिस दुनिया को सौंप रहे हैं वह उतनी ही स्वस्थ हो, जितनी हमने पाई थी।
  176. लक्ष्य दूसरे व्यक्ति से बेहतर होना नहीं है, बल्कि अपने पिछले स्वरूप से बेहतर होना है।
  177. एक खुला दिल, एक खुला दिमाग होता है।
  178. वस्तुतः हम सभी को अपने जीवन की शुरुआत में अपनी माँ के स्नेह से लाभ मिला है। जब कोई व्यक्ति अपनी मृत्युशैया पर होता है, तो अगर वह प्रियजनों से घिरा होता है, तो वह शांति से मर सकता है। जन्म से लेकर मृत्यु तक हम सभी को स्नेह की आवश्यकता होती है।
  179. सुबह का एक छोटा सा सकारात्मक विचार, आपका पूरा दिन बदल सकता है।
  180. न तो अंतरिक्ष स्टेशन और न ही प्रबुद्ध मन एक दिन में साकार किया जा सकता है।
  181. आप जितना अधिक प्रेम से प्रेरित होंगे, आपका कार्य उतना ही अधिक निडर और स्वतंत्र होगा।
  182. बहुत ज़्यादा आत्म-केंद्रित रवैया, आप देखिए, अकेलापन लाता है। परिणाम! अकेलापन, डर, गुस्सा। अत्यधिक आत्म-केंद्रित रवैया, दुख का स्रोत है।
  183. किसी और के काम से आपकी प्रतिक्रिया निर्धारित नहीं होनी चाहिए।
  184. यदि आपको दयालु होने और सही होने के बीच चयन करना हो, तो दयालु होना चुनें और आप हमेशा सही रहेंगे।
  185. अगर आपको किसी दर्द या पीड़ा का डर है, तो आपको जांच करनी चाहिए कि क्या आप इसके बारे में कुछ कर सकते हैं। अगर आप कर सकते हैं, तो इसके बारे में चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है; अगर आप कुछ नहीं कर सकते हैं, तो भी चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है।
  186. अगर आप किसी दूसरे के चेहरे पर मुस्कान चाहते हैं तो मुस्कुराइए।
  187. दुनिया और खुद की गहरी समझ हासिल करने के लिए नए अनुभवों को अपनाएँ।
  188. यदि किसी के पास बंदूक है और वह आपको मारने की कोशिश कर रहा है, तो अपनी बंदूक से जवाबी गोली चलाना उचित होगा।
  189. जब आप अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहते हैं, तो आपको आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरणा की आवश्यकता होती है।
  190. दयालुता सब कुछ बदल सकती है।
  191. परिवर्तन के लिए अपनी बाहें खोलो, लेकिन अपने मूल्यों को मत छोड़ो।
  192. एक अनुशासित मन, खुशी की ओर ले जाता है, और एक अनुशासनहीन मन, दुख की ओर ले जाता है।
  193. आंतरिक शांति ही कुंजी है। यदि आपके पास आंतरिक शांति है, तो बाहरी समस्याएं आपकी शांति और स्थिरता की गहरी भावना को प्रभावित नहीं करती हैं।  इस आंतरिक शांति के बिना, चाहे आपका जीवन भौतिक रूप से कितना भी आरामदायक क्यों न हो? आप अभी भी परिस्थितियों के कारण चिंतित, परेशान या दुखी हो सकते हैं।
  194. प्रेम निर्णय की अनुपस्थिति है।
  195. मैं सबसे अंधेरे दिनों में आशा खोजता हूँ, और सबसे उज्ज्वल दिनों में ध्यान केंद्रित करता हूँ।
  196. याद रखें कि कभी-कभी जो आप चाहते हैं वह न मिलना किस्मत का एक अद्भुत झटका होता है।
  197. चाहे हम किसी विशेष आध्यात्मिक परंपरा का पालन करें या नहीं, प्रेम और दया के लाभ सभी के लिए स्पष्ट हैं।
  198. हमारे समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए, मनुष्यों को सार्वभौमिक जिम्मेदारी की अधिक भावना विकसित करनी होगी। हममें से प्रत्येक को न केवल अपने लिए, अपने परिवार या राष्ट्र के लिए, बल्कि सभी मानव जाति के लाभ के लिए काम करना सीखना चाहिए। सार्वभौमिक जिम्मेदारी मानव अस्तित्व की कुंजी है। यह विश्व शांति के लिए सबसे अच्छा आधार है।
  199. आँख के बदले आँख…हम सब अंधे हैं।
  200. हम तकनीक के नियंत्रक हैं। अगर हम तकनीक के गुलाम बन जाते हैं, तो यह अच्छा नहीं है।
  201. मेरा मानना ​​है कि आशीर्वाद का अंतिम स्रोत हमारे भीतर है।
  202. हमारा प्राचीन अनुभव हर बिंदु पर पुष्टि करता है कि सब कुछ एक साथ जुड़ा हुआ है, सब कुछ अविभाज्य है।
  203. यहां तक ​​कि एक जानवर के साथ भी, यदि आप सच्चा स्नेह दिखाते हैं, तो धीरे-धीरे विश्वास विकसित होता है। यदि आप हमेशा बुरा चेहरा दिखाते हैं और मारते हैं, तो आप दोस्ती कैसे विकसित कर सकते हैं ?
  204. केवल एक ही महत्वपूर्ण बिंदु है जिसे आपको अपने दिमाग में रखना चाहिए और इसे अपना मार्गदर्शक बनने देना चाहिए। लोग आपको चाहे जो भी कहें, आप वही हैं जो आप हैं। इस सत्य पर कायम रहें। आपको खुद से पूछना चाहिए कि आप अपना जीवन कैसे जीना चाहते हैं। हम जीते हैं और हम मरते हैं, यह वह सत्य है जिसका हम केवल अकेले ही सामना कर सकते हैं। कोई भी हमारी मदद नहीं कर सकता, बुद्ध भी नहीं । इसलिए ध्यान से विचार करें कि आपको अपना जीवन उस तरह जीने से क्या रोकता है, जैसा आप जीना चाहते हैं?
  205. जब हम करुणा और ज्ञान से प्रेरित होते हैं, तो हमारे कार्यों के परिणाम सभी को लाभ पहुंचाते हैं, न कि केवल हमारे व्यक्तिगत को या किसी तात्कालिक सुविधा को। जब हम अतीत के अज्ञानतापूर्ण कार्यों को पहचानने और उन्हें माफ़ करने में सक्षम होते हैं, तो हमें वर्तमान की समस्याओं को रचनात्मक रूप से हल करने की ताकत मिलती है।
  206. हर दिन, सुबह उठते ही सोचो। आज मैं जीवित रहने के लिए भाग्यशाली हूँ। मेरे पास एक अनमोल मानव जीवन है। मैं इसे बर्बाद नहीं करने जा रहा हूँ। मैं अपनी सारी ऊर्जा खुद को विकसित करने, दूसरों के लिए अपने दिल का विस्तार करने, सभी प्राणियों के लाभ के लिए ज्ञान प्राप्त करने के लिए उपयोग करने जा रहा हूँ। मैं दूसरों के प्रति दयालु विचार रखने जा रहा हूँ। मैं गुस्सा नहीं करूँगा या दूसरों के बारे में बुरा नहीं सोचूँगा। मैं जितना हो सके दूसरों का भला करने जा रहा हूँ।
  207. हम इस मान्यता से शुरू करते हैं कि सभी प्राणी खुशी को संजोते हैं और दुख नहीं चाहते। तब यह नैतिक रूप से गलत और व्यावहारिक रूप से नासमझी होगी कि हम केवल अपनी खुशी का पीछा करें और उन सभी लोगों की भावनाओं और आकांक्षाओं से बेखबर रहें जो हमारे इर्द-गिर्द एक ही मानव परिवार के सदस्य हैं। समझदारी इसी में है कि हम अपनी खुशी का पीछा करते समय दूसरों के बारे में सोचें।
  208. कठिन समय दृढ़ संकल्प और आंतरिक शक्ति का निर्माण करते हैं। उनके माध्यम से, हम क्रोध की निरर्थकता की सराहना भी कर सकते हैं। क्रोधित होने के बजाय, परेशान करने वालों के प्रति गहरी परवाह और सम्मान का पोषण करें क्योंकि ऐसी कठिन परिस्थितियाँ पैदा करके वे हमें सहनशीलता और धैर्य का अभ्यास करने के अमूल्य अवसर प्रदान करते हैं ।
  209. जिन लोगों की आध्यात्मिकता में कम रुचि है, उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि मानवीय आंतरिक मूल्य उन पर लागू नहीं होते। एक सतर्क और शांत मन की आंतरिक शांति ही वास्तविक खुशी और अच्छे स्वास्थ्य का स्रोत है। हमारी मानवीय बुद्धि हमें बताती है कि हमारी कौन सी भावनाएँ सकारात्मक और सहायक हैं और कौन सी हानिकारक हैं और उन्हें नियंत्रित या टाला जाना चाहिए।
  210. दूसरों के लिए एक करीबी, गर्मजोशी भरा भाव विकसित करने से मन अपने आप शांत हो जाता है। यह हमारे अंदर मौजूद किसी भी डर या असुरक्षा को दूर करने में मदद करता है और हमें आने वाली किसी भी बाधा से निपटने की ताकत देता है। यह जीवन में सफलता का मुख्य स्रोत है। चूँकि हम केवल भौतिक प्राणी नहीं हैं, इसलिए खुशी के लिए अपनी सारी उम्मीदें केवल बाहरी विकास पर लगाना एक गलती है। कुंजी आंतरिक शांति विकसित करना है।
Frequently Asked Questions (FAQS)
  • दलाई लामा का जन्म कहां हुआ था?
  • इनका जन्म 6 जुलाई, 1935 को उत्तर-पूर्वी तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में रहने वाले किसान परिवार में हुआ था। 2 वर्ष की आयु में उन्हें 13वें दलाई लामा का अवतार माना गया।
  • दलाई लामा का क्या अर्थ है ? 
  • दलाई लामा, एक मंगोलियाई शब्द है जिसका अर्थ है "ज्ञान का महासागर"। दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग स्कूल के सबसे प्रमुख आध्यात्मिक नेता को दी जाने वाली डिग्री है। दलाई वर्तमान लामा, तेनज़िन ग्यात्सो, 14वें दलाई लामा और वे तिब्बत के आध्यात्मिक और राजनीतिक नेता रहे हैं। इन्हें करुणा के बोधिसत्व अवलोकितेश्वर का अवतार माना जाता है।
  • दलाई लामा को कौन सा पुरस्कार प्रदान किया गया है?
  • दलाई लामा को 10 दिसंबर 1989 को ओस्लो में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से, रेमन मैग्सेसे पुरस्कार 1959 (एशिया का नोबेल पुरस्कार) में सम्मानित किया गया था। 1959 से अब तक उनको 60 मानद डॉक्टरेट, पुरस्कार, सम्मान आदि प्राप्त हुए हैं। इन्होने 150  से अधिक पुस्तकें लिखीं या सह लेखन किया हैं।
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