नमस्कार दोस्तों, आज हम लेकर आए हैं। एक ऐसे महापुरुष के अनमोल विचार अल्बर्ट आइंस्टाइन के अनमोल विचार | Albert Einstein Quotes in Hindi जिन्होंने देश और समाज में अपने विचारों और कार्यों के माध्यम से देश और दुनिया को प्रेरित किया और समाज को एक नई दिशा दी। अनेकों कठिनाइयों के बावजुद समाज और देश में फैले कुरीतियों को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। इनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक माने जाते हैं। तो चलिए आपको इनके विचारों से रूबरू कराते हैं। जिन्हें पढ़कर आप सदा प्रेरणा प्राप्त करेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।
THIS POST INCLUDES:–
- अल्बर्ट आइंस्टाइन – संक्षिप्त परिचय
- अल्बर्ट आइंस्टाइन के अनमोल विचार | Albert Einstein Quotes in Hindi
- Frequently Asked Questions (FAQS)
- ये भी पढ़ें – अन्य संबंधित सुविचार
अल्बर्ट आइंस्टाइन – संक्षिप्त परिचय
- जन्म - 14 मार्च 1879, उल्म, वुर्ट्टनबर्ग, जर्मन साम्राज्य
- माता-पिता - पौलीन आइंस्टीन - हरमन आइंस्टीन
- जीवनसाथी - मिलेवा मेरिक (1903–1919), एलसा आइन्स्टाइन (1919–1936)
- भाई-बहन –
- आवास - जर्मनी, इटली, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया (वर्तमान चेक गणराज्य), बेल्जियम, संयुक्त राज्य
- नागरिकता - वुर्ट्टनबर्ग/जर्मनी (1879–1896), राज्यविहीन (1896–1901), स्विट्जरलैंड (1901–1955), ऑस्ट्रिया (1911–1912), जर्मनी (1914–1933), संयुक्त राज्य अमेरिका (1940–1955)
- शिक्षा - ईटीएच ज्यूरिख, ज्यूरिख विश्वविद्यालय
- पेशा - भौतिकविद, वैज्ञानिक
- संस्था/राजनीतिक संबद्धता -
- पत्र-पत्रिकाएं -
- विशेष - सापेक्षता और विशिष्ट आपेक्षिकता, प्रकाश वैद्युत प्रभाव, द्रव्यमान-ऊर्जा-समतुल्यता, ब्राउनियन गति
- पुरस्कार - भौतिकी का नोबेल पुरस्कार (1921), मेट्यूक्सी पदक (1921), कोप्ले पदक (1925), मैक्स प्लैंक पदक (1929), टाइम सदी के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति (1999)
- धर्म - बौद्ध धर्म
- निधन - 18 अप्रैल 1955 (उम्र 76 वर्ष), प्रिंस्टन, न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य अमेरिका
अल्बर्ट आइंस्टाइन के अनमोल विचार | Albert Einstein Quotes in Hindi
- सफल व्यक्ति, बनने की कोशिश मत करो। बल्कि मूल्यवान व्यक्ति बनो।
- समय, एक भ्रम है।
- ज़िंदगी जीने के, सिर्फ़ दो ही तरीक़े हैं। एक, तो यह कि मानो! कुछ भी चमत्कार नहीं है। दूसरा, यह कि मानो! सब कुछ चमत्कार है।
- तर्क आपको ए से जेड तक ले जाएगा, लेकिन कल्पना आपको कहीं भी ले जा सकती है।
- यदि, आप इसे छह साल के बच्चे को, नहीं समझा सकते, तो आप, स्वयं भी इसे नहीं समझ पाएंगे।
- एक शांत और सादा जीवन, निरंतर बेचैनी से भरी सफलता की तलाश से अधिक खुशी लाता है।
- एक चतुर व्यक्ति, समस्या का समाधान करता है, जबकि एक बुद्धिमान व्यक्ति, उससे बचता है।
- कल्पना, ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण है।
- राष्ट्रवाद, एक बचकानी बीमारी है। यह मानवता का खसरा है।
- कोई भी मूर्ख, जान सकता है। बात, समझने की है।
- समय का एकमात्र कारण है कि सब कुछ एक साथ ना हो जाए।
- बुद्धि का सही संकेत, ज्ञान नहीं! बल्कि कल्पनाशीलता है।
- वास्तविकता, केवल एक भ्रम है, यद्यपि वह बहुत स्थायी है।
- हर कोई जीनियस है। लेकिन अगर आप एक मछली को उसके पेड़ पे चढ़ने की काबिलियत के हिसाब से आंकेंगे, तो वो पूरी उम्र यही सोच कर जीयेगी कि वो मूर्ख है।
- यदि, हमें पता होता कि हम क्या कर रहे हैं? तो इसे अनुसंधान नहीं कहा जाता। है न?
- कोई भी समस्या, चेतना के उसी स्तर पर रह कर नहीं हल की जा सकती है। जिस पर वह उत्पन्न हुई है।
- सबसे खूबसूरत अनुभव, जो हम पा सकते हैं, वह है रहस्यमयता। यह वह मूलभूत भावना है, जो सच्ची कला और सच्चे विज्ञान, के आधार पर खड़ी है।
- मुझमें, कोई विशेष प्रतिभा नहीं है। मैं तो, बस उत्सुकता से भरा हुआ हूँ।
- महान आत्माओं को, हमेशा ही औसत दर्जे के दिमागों से, हिंसक विरोध का सामना करना पड़ा है।
- एक मेज, एक कुर्सी, एक कटोरा फल और एक वायलन! भला खुश रहने के लिए और क्या चाहिए?
- ऐसा नहीं है! कि मैं बहुत होशियार हूँ। लेकिन मैं! सवालों पर ज़्यादा देर तक टिकता हूँ।
- इन्सान को यह देखना चाहिए कि क्या है? यह नहीं कि उसके अनुसार क्या होना चाहिए?
- जिस व्यक्ति ने, कभी गलती नहीं की। उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की।
- क्रोध, मूर्खों की छाती में ही बसता है।
- बुद्धिमता का माप, परिवर्तन करने की क्षमता है।
- यदि मानव जाति को, जीवित रखना है, तो हमें बिलकुल नयी सोच की आवश्यकता होगी।
- दुनिया, रहने के लिए एक खतरनाक जगह है। उन लोगों की, वजह से नहीं जो बुरे हैं, बल्कि उन लोगों की, वजह से जो इसके बारे में, कुछ नहीं करते।
- जो छोटी-छोटी बातों में, सच को गंभीरता से नहीं लेता। उस पर बड़े मामलों में भी, भरोसा नहीं किया जा सकता।
- जब बुद्धि, मजे के मन में हो, तो रचनात्मकता बन जाती है।
- ईश्वर के सामने, हम सभी एक बराबर ही बुद्धिमान हैं और एक बराबर ही मूर्ख भी।
- हर चीज़ को, यथासंभव सरल बनाया जाना चाहिए। लेकिन ज़्यादा, सरल नहीं।
- जब आप, एक अच्छी लड़की के साथ बैठे हों, तो एक घंटा एक सेकंड के सामान लगता है। जब आप, धधकते अंगारे पर बैठे हों, तो एक सेकंड एक घंटे के सामान लगता है। यही सापेक्षिकता है।
- जो सही है! वह हमेशा, लोकप्रिय नहीं होता और जो लोकप्रिय है, वह हमेशा सही नहीं होता।
- दो चीजें अनन्त हैं – एक ब्रह्माण्ड और दूसरा मनुष्य की मूर्खता! और मैं, ब्रह्माण्ड के बारे में, दृढ़ता से नहीं कह सकता।
- कल्पना ही, सब कुछ है। यह जीवन के, आने वाले आकर्षणों का, पूर्वावलोकन है।
- दुनिया में, जो चीज समझना सबसे कठिन है, वो है इनकम टैक्स।
- शांति! बल से नहीं, कायम की जा सकती। इसे केवल! समझ से ही, प्राप्त किया जा सकता है।
- कुछ ही ऐसे हैं, जो अपनी आँखों से देखते हैं और अपने दिल से महसूस करते हैं।
- कठिनाई के बीच में, अवसर निहित होता है।
- सत्ता के प्रति, विचारहीन सम्मान सत्य का, सबसे बड़ा शत्रु है।
- महत्वपूर्ण बात! यह है कि सवाल करना, बंद न करें। जिज्ञासा के अस्तित्व का, अपना कारण होता है।
- सफल व्यक्ति, बनने का प्रयास मत कीजिए, बल्कि सिद्धान्तों पर, चलने वाला व्यक्ति बनने का प्रयत्न कीजिए।
- जो महिला! भीड़ के पीछे चलती है। वह आमतौर पर, भीड़ से ज़्यादा आगे नहीं जाती। जो महिला! अकेले चलती है, वह खुद को, ऐसी जगहों पर पाती है। जहाँ पहले कोई, नहीं गया होता।
- महान आत्माओं ने, हमेशा मामूली सोच वाले, लोगों के हिंसक विरोध का सामना किया है।
- हर चीज का, वैज्ञानिक ढंग से वर्णन करना संभव होगा, लेकिन इसका कोई मतलब नहीं होगा। यह अर्थहीन होगा, जैसे कि, आप बीथोवेन सिम्फनी को, तरंग दबाव के रूपांतर के रूप में वर्णित करें।
- हर वो चीज, जो गिनी जा सके। मायने नहीं रखती, और हर वो चीज जो मायने रखती है, वो गिनी नहीं जा सकती।
- मुझे, वह बनने के लिए, जो मैं हूँ। उसे त्यागने के लिए, तैयार रहना होगा। जो मैं हूँ।
- प्रकृति का, गहराई से निरीक्षण करो, और तब तुम, हर एक चीज बेहतर ढंग से समझ पाओगे।
- सत्ता! पर अंधविश्वास, सत्य का सबसे बड़ा शत्रु है।
- सभी धर्म, कला और विज्ञान एक ही वृक्ष की शाखाएं हैं।
- मैंने! अपनी कोई भी खोज, कभी भी तर्कसंगत सोच की, प्रक्रिया से नहीं की।
- एक जहाज, हमेशा किनारे पर सुरक्षित रहता है! लेकिन वो, इसलिए नहीं बना होता है।
- प्रेम, कर्तव्य से बेहतर स्वामी है।
- कोई भी बुद्धिमान, मूर्ख चीजों को बड़ा और अधिक जटिल बना सकता है! विपरीत दिशा में, जाने के लिए थोड़ी सी प्रतिभा और बहुत सारे, साहस की ज़रुरत होती है।
- हम सभी जानते हैं! कि प्रकाश, ध्वनि से तेज़ गति से चलता है। इसीलिए कुछ लोग, तब तक चमकीले दिखाई देते हैं। जब तक, आप उन्हें बोलते नहीं सुनते।
- कठिनाइयों के बीच, ही अवसर छुपे होते हैं।
- एक बार, जब हम अपनी सीमाएं, स्वीकार कर लेते हैं, तो हम उनसे आगे निकल जाते हैं।
- शिक्षा! वो है, जो स्कूल में सिखाई गयी चीजों को, भूल जाने के बाद बचती है।
- जब तक, कुछ नहीं हिलता। तब तक कुछ नहीं होता।
- एक इंसान, उस उस पूर्ण का एक भाग है! जिसे हम ब्रह्माण्ड कहते हैं।
- यदि आप, सुखी जीवन जीना चाहते हैं, तो उसे लोगों या वस्तुओं से नहीं, बल्कि लक्ष्य से जोड़ें।
- महत्वपूर्ण बात, यह है कि हम प्रश्न करना ना छोडें। जिज्ञासा के, मौजूद होने के अपने खुद के कारण हैं।
- मैं, निराशावादी और सही होने की अपेक्षा, आशावादी और मूर्ख होना, पसंद करूंगा।
- एक प्रश्न, जो मुझे कभी-कभार उलझा देता है! क्या मैं पागल हूँ या बाकी लोग पागल हैं?
- अव्यवस्था से, बाहर निकलकर सरलता खोजें।
- ज़िन्दगी, साइकिल चलाने की तरह है। अपना बैलेंस, बनाए रखने के लिए आपको चलते रहना होता है।
- हमारा कार्य, स्वयं को मुक्त करना होना चाहिए। सभी, जीवित प्राणियों और संपूर्ण प्रकृति और इसकी सुंदरता को, गले लगाने के लिए, अपनी करुणा के दायरे को व्यापक बनाना।
- मनुष्य और उसके भाग्य की चिंता, सभी तकनीकी प्रयासों की, मुख्य दिलचस्पी बननी चाहिए। अपने चित्रों और समीकरणों के बीच, कभी भी ये मत भूलना।
- बुद्धि! स्कूली शिक्षा का परिणाम नहीं है, बल्कि इसे प्राप्त करने के लिए, जीवन भर प्रयास करने का, परिणाम है।
- ज़िन्दगी, जीने के केवल दो ही तरीके हैं। एक, ऐसे कि मानो कुछ भी चमत्कार ना हो। दूसरा, ऐसे कि मानो सब कुछ एक चमत्कार हो।
- केवल! दूसरों के लिए जीया गया जीवन, ही सार्थक है।
- जैसे ही आप, सीखना बंद कर देते हैं, आप मरना शुरू कर देते हैं।
- बहुत कम लोग हैं! जो अपनी, आँखों से देखते हैं और अपने दिल से, महसूस करते हैं।
- ऐसा नहीं है, कि मैं बहुत स्मार्ट हूँ। बस मैं, समस्याओं के साथ ज्यादा देर तक रहता हूँ।
- कल्पना! ज्ञान से ज़्यादा महत्वपूर्ण है। क्योंकि ज्ञान, केवल उसी तक सीमित है। जो हम, अभी जानते और समझते हैं। जबकि कल्पना पूरी दुनिया को, और भविष्य में जानने और समझने वाली, हर चीज़ को अपने में समेटे हुए है।
- केवल वो, जो पूरे जी-जान से किसी कारण के लिए खुद को समर्पित कर देता है। वही एक, सच्चा माहिर बन सकता है। इसी वजह से, महारत व्यक्ति से, उसका सब कुछ मांगती है।
- मैं! उस एकांत में रहता हूँ। जो युवावस्था में कष्टदायक है। किन्तु, प्रौढ़ावस्था में आनन्ददायक है।
- आप, कभी फेल नहीं होते। जब तक, आप प्रयास करना नहीं छोड़ देते।
- सच्चा प्यार! चाहे कितना भी दुर्लभ क्यों न हो? वह सच्ची दोस्ती से, कम दुर्लभ है।
- वह जो, विस्मित होने के लिए, ठहर नहीं सकता और मगन होकर, आश्चर्य से खड़ा नहीं हो सकता। वह मरे हुए के समान है। उसकी आँखें बंद हैं।
- कल्पनाशीलता, अनुसंधान का सर्वोच्च रूप है।
- मेरे पास, कोई स्पेशल टैलेंट नहीं है! मैं बस, बहुत अधिक जिज्ञासु हूँ।
- दुनिया के बारे में, सबसे अबूझ बात यह है कि यह बिल्कुल, समझ में नहीं आती।
- नज़रिए की कमज़ोरी, चरित्र की कमज़ोरी, बन जाती है।
- एकमात्र चीज, जो आपको अवश्य जाननी चाहिए। वह है! पुस्तकालय का स्थान।
- वो सत्य है, जो अनुभव के परीक्षण पर, खरा उतरता है।
- केवल वे ही लोग! असंभव को प्राप्त कर सकते हैं। जो बेतुके, प्रयास करते हैं।
- ज्ञान, का एक मात्र स्रोत, अनुभव है।
- यह कितना! दुखद युग है, जब पूर्वाग्रह को तोड़ने की अपेक्षा, परमाणु को तोड़ना अधिक आसान है।
- कोई भी व्यक्ति, जो बहुत अधिक पढ़ता है और अपने, खुद के दिमाग का, बहुत कम उपयोग करता है। वह सोचने की, आलसी आदत में फंस जाता है।
- मैं कभी भी, भविष्य के बारे में नहीं सोचता। वह तो, जल्द ही आ जाता है।
- एक ऐसा, समय आता है! जब दिमाग, ज्ञान के उच्च स्तर पर पहुँच जाता है लेकिन कभी, साबित नहीं कर पाता! कि वहां, वह कैसे पहुंचा?
- प्रकृति को! गहराई से देखो, और तब तुम, सब कुछ बेहतर समझ पाओगे।
- कल से सीखो! आज के लिए जियो! कल की आशा रखो! ज़रूरी बात ये है! कि प्रश्न करना, मत छोड़ो।
- रवैये की कमज़ोरी, चरित्र की कमज़ोरी, बन जाती है।
- मैं, महीनों और सालों तक, सोचता रहता हूँ। निन्यानबे बार, मेरा निष्कर्ष गलत होता है। सौवीं बार, मैं सही हो जाता हूँ।
- यह भयावह! रूप से स्पष्ट हो गया है, कि हमारी प्रौद्योगिकी, हमारी मानवता से आगे निकल गई है।
- केवल, दूसरों के लिए, जीया जीवन ही, सार्थक जीवन है।
- बहुत कम लोग, अपने सामाजिक परिवेश के पूर्वाग्रहों से अलग, समभाव से, अपनी राय व्यक्त कर पाते हैं। जबकि ज़्यादातर लोग, ऐसी राय बनाने में असमर्थ होते हैं।
- दुनिया के बारे में, सबसे ज्यादा जो बात समझ से बाहर है। वो ये है, कि इसे समझा जा सकता है।
- एक सच्चा! प्रतिभाशाली व्यक्ति यह स्वीकार करता है, कि वह कुछ भी नहीं जानता।
- शांति, ताकत से नहीं, कायम रखी जा सकती। ये केवल, समझ से प्राप्त, की जा सकती है।
- यदि मेरे पास, किसी समस्या को हल करने के लिए, एक घंटा हो, तो मैं 55 मिनट समस्या के बारे में, सोचने में तथा 5 मिनट समाधान के बारे में, सोचने में बिताऊंगा।
- सबसे सुंदर अनुभव, जो हमें हो सकता है! वो है, रहस्यपूर्ण। यह मौलिक भावना है, जो सच्ची कला और सच्चे विज्ञान के पालने में खड़ी है।
- गणित में, अपनी कठिनाइयों के बारे में, चिंता मत करो। मैं तुम्हें, विश्वास दिलाता हूँ कि मेरी कठिनाइयाँ तो, और भी ज़्यादा हैं।
- जीनियस और स्टुपिडीटी के बीच अंतर, ये है कि जीनियस की अपनी सीमाएं हैं।
- यदि कोई ऐसा धर्म है! जो आधुनिक विज्ञान की आवश्यकताओं को, पूरा कर सकता है, तो वह बौद्ध धर्म है।
- सूचना, ज्ञान नहीं है।
- यदि लोग, केवल इसलिए अच्छे हैं। क्योंकि वे, दंड से डरते हैं और पुरस्कार की आशा करते हैं, तो यह वास्तव में बहुत दुःखद हैं।
- रचनात्मक अभिव्यक्ति और ज्ञान में, आनंद जगाना, शिक्षक की सर्वोच्च कला है।
- सबसे खूबसूरत चीज़! जिसका हम अनुभव कर सकते हैं, वह है, रहस्य। यही समस्त, सच्ची कला और समस्त विज्ञान का, स्रोत है। जिसके लिए, यह भावना अपरिचित है, जो अब रुककर, आश्चर्य नहीं कर सकता और विस्मय में, डूबा नहीं रह सकता। वह, मृत के समान है। उसकी आँखें बंद हैं।
- हमारा कार्य! स्वयं को मुक्त करना होना चाहिए। सभी जीवित प्राणियों और संपूर्ण प्रकृति और इसकी सुंदरता को, गले लगाने के लिए, अपनी करुणा के दायरे को, व्यापक बनाना।
- आप! एक साथ युद्ध को, रोक भी नहीं सकते और युद्ध की तैयारी भी, नहीं कर सकते।
- मैं! निराशावादी और सही होने की अपेक्षा, आशावादी और मूर्ख होना, पसंद करूंगा।
- मैं, अंतर्ज्ञान और प्रेरणाओं में विश्वास करता हूँ। कभी-कभी, मुझे लगता है कि, मैं सही हूँ। मुझे नहीं पता! कि मैं सही हूँ।
- बुद्धि! स्कूली शिक्षा का, परिणाम नहीं है। बल्कि इसे प्राप्त करने के लिए, जीवन भर प्रयास करने का, परिणाम है।
- बिना गहन सोच के, हम अपने रोज-मर्रा के, जीवन से जानते हैं कि हम दूसरों के, लिए अस्तित्व में हैं।
- केवल! दूसरों के लिए, जीया गया जीवन, ही सार्थक है।
- यदि पहली नजर में, विचार बेतुका नहीं लगता, तो फिर उसके लिए, कोई आशा नहीं है।
- बहुत कम लोग हैं! जो अपनी, आँखों से देखते हैं और अपने दिल से, महसूस करते हैं।
- सामान्य ज्ञान, अठारह वर्ष की आयु तक, अर्जित पूर्वाग्रहों का संग्रह है।
- जीवन! भविष्य के लिए तैयारी है और भविष्य के लिए, सबसे अच्छी तैयारी यह है कि ऐसे जियें! जैसे कि, कुछ है ही नहीं!
- मानव समाज में, जो कुछ भी मूल्यवान है। वह व्यक्ति को, मिले विकास के अवसर पर निर्भर करता है।
- जब मैं, स्वयं का और अपने विचारों के, तरीकों का परीक्षण करता हूँ, तो मैं इस निष्कर्ष पर, पहुँचता हूँ कि कल्पना की, प्रतिभा मेरे लिए अमूर्त, सकारात्मक सोच की, किसी भी प्रतिभा से, अधिक मायने रखती है।
- चाहे जितने भी, प्रयोग कर लिए जाएं! मुझे कभी, सही नहीं ठहराया जा सकता है। बस एक प्रयोग, मुझे गलत साबित कर सकता है।
- एकमात्र, वास्तविक मूल्यवान चीज़, अंतर्ज्ञान है।
- अगर तुम, इसे आसानी से समझा नहीं सकते। मतलब तुमने, इसे अच्छी तरह से, समझा नहीं हैं।
- जीवन की त्रासदी! यह है कि मनुष्य के अंदर, जो कुछ जीवित रहते हुए मर जाता है।
- बुधिमत्ता का, सही संकेत ज्ञान नहीं, बल्कि कल्पना है।
- पागलपन! एक ही चीज, बार-बार करना और अलग रिजल्ट की उम्मीद करना।
- मेरा मानना है! कि शाकाहारी जीवनशैली, मानव स्वभाव पर, अपने विशुद्ध शारीरिक प्रभाव के कारण, मानव जाति के भाग्य पर, सर्वाधिक लाभकारी प्रभाव डालेगी।
- प्रशंसा के, भ्रष्ट प्रभाव से बचने का एकमात्र तरीका, काम करते रहना है।
- केवल कानून से, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुरक्षित नहीं हो सकती। प्रत्येक व्यक्ति, बिना किसी दंड के, अपने विचार प्रस्तुत कर सके। इसके लिए, सम्पूर्ण जनसंख्या में, सहिष्णुता की भावना होनी चाहिए।
- शांत, जीवन की नीरसता और एकांत रचनात्मक मन को, उत्तेजित करता है।
- एक व्यक्ति, तब जीना शुरू करता है। जब वह, स्वयं से बाहर रह सकता है।
- शुद्ध गणित, अपने आप में, तार्किक विचारों की कविता है।
- जितना अधिक! मैं सीखता हूं। उतना ही अधिक, मुझे एहसास होता है कि मैं कितना कुछ, नहीं जानता?
- कभी-कभी, लोग उन चीजों के लिए, सबसे अधिक मूल्य चुकाते हैं। जो मुफ्त में मिल जाती हैं।
- एकमात्र चीज, जो मेरी शिक्षा में बाधा डालती है। वह है – मेरी शिक्षा।
- भेड़ के, किसी झुण्ड का बेदाग़ सदस्य बनने के लिए, सबसे पहले आपको एक भेड़ होना चाहिए।
- बौद्धिक विकास, जन्म से ही शुरू होना चाहिए और मृत्यु पर ही, समाप्त होना चाहिए।
- रचनात्मकता का रहस्य, ये जानना है कि, अपने स्रोतों को कैसे छिपाया जाए?
- एक बात! जो मैंने अपने लंबे जीवन में सीखी है। वह यह! कि हमारा सारा विज्ञान, वास्तविकता के आधार पर, देखा जाए तो आदिम और बचकाना है और फिर भी, यह हमारे पास सबसे कीमती चीज है।
- हम समस्याओं को, उसी तरह की सोच इस्तेमाल कर के, नहीं सुलझा सकते। जिसका प्रयोग हमने, समस्या पैदा करते वक़्त किया था।
- यदि! मैं चुप रहूं, तो मैं भी इसमें, शामिल होने का दोषी हो जाऊंगा।
- मैं कभी, भविष्य के बारे में, नहीं सोचता। ये जल्द ही, आ जाता है।
- वे आदर्श! जो सदैव मेरे सामने, चमकते रहे हैं और मुझे, आनंद से भरते रहे हैं। वे हैं – अच्छाई, सुंदरता और सच्चाई।
- किसी इंसान का मूल्य, इससे देखा जाना चाहिए कि वो क्या दे सकता है? इससे नहीं! कि वो वो क्या ले पा रहा है?
- ऊर्जा को, न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट, किया जा सकता है। इसे केवल एक रूप से, दूसरे रूप में बदला जा सकता है।
- जीनियस, 1% टैलेंट है और 99%, हार्ड वर्क।
- हम दैनिक जीवन से जानते हैं! कि हमारा अस्तित्व, सबसे पहले अन्य लोगों के लिए है। जिनकी मुस्कुराहट और खुशहाली, पर हमारी अपनी खुशी निर्भर करती है।
- ज्यादातर शिक्षक, अपना समय ऐसे प्रश्न पूछने में बर्बाद करते हैं। जिनका मकसद, ये जानना होता है कि छात्र क्या नहीं जानता है? जबकि प्रश्न पूछने की सच्ची कला, ये पता लगाना है, कि छात्र क्या जानता है या क्या जानने में सक्षम है?
- एक बार, जब हम अपनी सीमाएं, स्वीकार कर लेते हैं, तो हम उनके पार चले जाते हैं।
- मैं शायद ही, कभी शब्दों में सोचता हूँ। एक विचार आता है, और मैं बाद में उसे, शब्दों में व्यक्त करने का, प्रयास कर सकता हूँ।
- याददाश्त, धोखेबाज है। क्योंकि ये आज की, घटनाओं से रंगी होती है।
- जो छोटे-छोटे मामलों में, सत्य को लेकर लापरवाह होता है। उस पर गंभीर मामलों में, भी यकीन नहीं किया जा सकता।
- यदि आप चाहते हैं! कि आपके बच्चे बुद्धिमान हों, तो उन्हें परियों की कहानियां सुनाएं। यदि आप चाहते हैं, कि वे और भी बुद्धिमान हों, तो उन्हें और भी परियों की कहानियां सुनाएं।
- मैं सभी से, एक जैसे ही बात करता हूँ। चाहे वो, कूड़ा उठाने वाला हो या विश्वविद्यालय का अध्यक्ष।
- कभी भी, उस चीज को याद मत करो, जिसे तुम देख सकते हो।
- एक चतुर व्यक्ति, समस्या को हल कर देता है। एक बुद्धिमान व्यक्ति, उससे बच जाता है।
- धर्म के बिना, विज्ञान लंगड़ा है। विज्ञान के बिना, धर्म अंधा है।
- वास्तविकता, केवल एक भ्रम है। यद्यपि, यह बहुत ही निरंतर है।
- अगर हमें पता होता, कि हम जो कर रहे हैं! वो क्या है? तो इसे रिसर्च नहीं कहते! कहते क्या?
- कोई भी मूर्ख, जान सकता है। ज़रूरी है समझना।
- बूढ़े आदमी की, जवान आदमी को सलाह! कभी भी अपनी, पवित्र जिज्ञासा को मत खो।
- अगर मैं, एक भौतिक वैज्ञानिक नहीं होता, तो शायद मैं, एक संगीतकार होता। मैं अक्सर, संगीत में सोचता हूँ। मैं संगीत में, सपने देखता हूँ। मैं अपना जीवन, संगीत के रूप में देखता हूँ।
- ये दुनिया! जैसा हमने इसे बनाया है। हमारी, सोच का परिणाम है। इसे बिना, हमारी सोच बदले नहीं, बदला जा सकता है।
- मुझे नहीं पता! कि किन हथियारों से तृतीय विश्व युद्ध लड़ा जाएगा! लेकिन, लेकिन चौथा विश्व युद्ध लाठी और पत्थरों से लड़ा जायेगा।
- लोगों के प्रेम में, पड़ने का कारण गुरुत्वाकर्षण नहीं है।
- बुद्धिमत्ता की माप, बदलने की क्षमता है।
- रचनात्मकता, बुद्धि की मौज-मस्ती है।
- दुनिया! जीने के लिए, एक खतरनाक जगह है। उन लोगों की, वजह से नहीं, जो बुरे हैं, बल्कि उनकी वजह से, जो इसके लिए कुछ करते नहीं हैं।
- यदि ‘ए’ जीवन में सफल है, तो ‘ए’ बराबर है ‘एक्स’ धन ‘वाई’ धन ‘जेड’ के। काम ‘एक्स’ है, ‘वाई’ खेल; और ‘जेड’ अपना मुंह बंद करके रहना है।
- हर एक चीज, जितना संभव हो, उतनी सरल, बनायीं जानी चाहिए। लेकिन, उससे सरल नहीं।
- अपने आप को, खुश करने का, सबसे अच्छा तरीका किसी और को, खुश करना है।
- जो सही है, वो हमेशा प्रसिद्ध नहीं होता और जो प्रसिद्ध है, वो हमेशा सही नहीं होता।
- मुझे! मैं जो हूँ! उसे छोड़ने के लिए तैयार होना होगा। ताकि, मैं वो बन सकूँ। जो मैं होऊंगा।
- प्रेम, कर्तव्य से बेहतर स्वामी है।
- एक, निराशावादी और सही होने के बजाय, मैं एक आशावादी और मूर्ख होना चाहूँगा।
- सच्चा प्यार, चाहे जितना दुर्लभ हो, ये सच्ची दोस्ती से कम दुर्लभ है।
- केवल, वो जो बेतुके प्रयास करते हैं, असम्भव प्राप्त कर सकते हैं।
- आने वाली पीढियां, मुश्किल से यकीन कर पाएंगी कि कभी मांस और रक्त से पूर्ण, कोई ऐसा था जो इस धरती पर चला था।
- आप, एक साथ युद्ध रोकने और करने की तैयारी, नहीं कर सकते।
- एक सच्चा जीनियस, स्वीकार करता है कि उसे कुछ नहीं पता है।
- यदि लोग, इसलिए अच्छे हैं क्योंकि उन्हें सजा का डर है और इनाम की आशा है, तो हम वास्तव में बड़े नीच हैं।
- ब्लैक होल्स, वो हैं! जहाँ भगवान शून्य से विभाजित होता है।
- हम सभी जानते हैं, कि लाइट, साउंड से अधिक तेज ट्रैवेल करती है। इसीलिए कुछ लोग, बड़े ब्राइट लगते हैं। जब तक कि आप उन्हें बोलते हुए नहीं सुन लेते।
- किसी को, ऐसे लक्ष्य का पीछा नहीं करना चाहिए। जो आसानी से, हासिल हो जाएं। किसी को, अपने महानतम प्रयासों से, भी मुश्किल से ही क्या हासिल हो सकता है। इसकी वृत्ति विकसित करनी चाहिए।
- यदि ईश्वर, जड़त्व प्रणालियों से संतुष्ट होता, तो उसने गुरुत्वाकर्षण का निर्माण, नहीं किया होता।
- मैं, उस एकांत में रहता था। जो युवावस्था में कष्टकारी होता है, लेकिन परिपक्वता के वर्षों में, स्वादिष्ट होता है।
- हमारी, पाँचों इंद्रियों से स्वतंत्र, हमारे मन में कोई भी विचार उत्पन्न नहीं होता।
- सफल व्यक्ति नहीं, बल्कि काबिल व्यक्ति, बनने का प्रयास करें।
- महत्वपूर्ण बात! यह है कि प्रश्न करना बंद न करें। जिज्ञासा के, अस्तित्व का अपना कारण होता है। जब कोई अनंत काल, जीवन और वास्तविकता की, अद्भुत संरचना के रहस्यों पर, विचार करता है, तो वह विस्मय से, मुक्त नहीं हो पाता। यदि कोई प्रतिदिन, इस रहस्य को थोड़ा-थोड़ा, समझने का प्रयास करे, तो यह पर्याप्त है।
- एक मेज, एक कुर्सी, एक कटोरा फल और एक वायलिन! भला खुश रहने के लिए और क्या चाहिए?
- मैं, एक कलाकार हूँ और अपनी, कल्पना से खुलकर, चित्र बना सकता हूँ। कल्पना, ज्ञान से ज़्यादा महत्वपूर्ण है। ज्ञान, सीमित है। कल्पना, पूरी दुनिया को घेरे हुए है।
- मनुष्य, उस समग्रता का एक अंश है! जिसे हम ब्रह्मांड कहते हैं। समय और स्थान में, सीमित एक अंश। वह स्वयं को, अपने विचारों और भावनाओं को बाकी सब से अलग, अपनी चेतना का, एक प्रकार का दृष्टिभ्रम अनुभव करता है। यह भ्रम, हमारे लिए एक प्रकार का कारागार है। जो हमें, हमारी व्यक्तिगत इच्छाओं और हमारे निकटतम, कुछ लोगों के प्रति, स्नेह तक सीमित रखता है। हमारा कार्य, अपनी करुणा के दायरे को व्यापक बनाकर, सभी जीवित प्राणियों और संपूर्ण प्रकृति को, उसकी सुंदरता में समाहित करके, स्वयं को इस कारागार से मुक्त करना होना चाहिए।
- मेरा धर्म! उस असीम श्रेष्ठ आत्मा की, विनम्र प्रशंसा में निहित है। जो स्वयं को, उन छोटे-छोटे विवरणों में, प्रकट करती है। जिन्हें हम, अपने दुर्बल और कमजोर मन से, अनुभव कर पाते हैं।
- जो व्यक्ति, सिर्फ़ अख़बार और ज़्यादा से ज़्यादा, समकालीन लेखकों की, किताबें पढ़ता है। वह मुझे, एक बेहद अदूरदर्शी, व्यक्ति लगता है। जो चश्मे से, घृणा करता है। वह अपने समय के, पूर्वाग्रहों और फैशन पर पूरी तरह निर्भर है, क्योंकि उसे, इसके अलावा कुछ और देखने या सुनने को, ही नहीं मिलता।
- सबसे सुंदर चीज़, जिसका हम अनुभव कर सकते हैं, वह है – रहस्य। यही समस्त, सच्ची कला और विज्ञान का स्रोत है। जिसके लिए, यह भावना अपरिचित है। जो अब रुककर आश्चर्य नहीं कर सकता और विस्मय में डूबा नहीं रह सकता। वह मृत के समान है –उसकी आँखें बंद हैं। जीवन के रहस्य की अंतर्दृष्टि, भले ही वह, भय से जुड़ी हो, ने भी धर्म को जन्म दिया है। यह जानना कि! जो हमारे लिए अभेद्य है, वह वास्तव में, विद्यमान है। स्वयं को, सर्वोच्च ज्ञान और परम दीप्तिमान सौंदर्य के रूप में, प्रकट करता है। जिसे हमारी मंद बुद्धि, केवल अपने सबसे आदिम रूपों में ही, समझ सकती है। यह ज्ञान, यह अनुभूति ही, सच्ची धार्मिकता के केंद्र में है।
- जो कोई भी, खुशी-खुशी संगीत की, धुन पर नाचता है। वह पहले ही, मेरी घृणा का पात्र बन चुका है। उसे गलती से, बड़ा दिमाग दे दिया गया है, जबकि उसके लिए, रीढ़ की हड्डी ही काफी होती। सभ्यता के, इस कलंक को, तुरंत मिटा देना चाहिए। कमान में वीरता, बेतुकी क्रूरता, देश-प्रेम का निंदनीय रुख और देशभक्ति के नाम पर, चलने वाली सारी घिनौनी बकवास, मुझे इन सबसे कितनी सख्त नफरत है? युद्ध कितना घृणित और नीच है! मैं ऐसी, नीच हरकत का हिस्सा बनने, के बजाय टुकड़े-टुकड़े हो जाना पसंद करूँगा! मेरा दृढ़ विश्वास है! कि युद्ध की आड़ में हत्या करना, हत्या के अलावा और कुछ नहीं है।
- आपका प्रश्न! दुनिया का सबसे कठिन प्रश्न है। यह ऐसा प्रश्न नहीं है! जिसका उत्तर मैं केवल हाँ या ना में दे सकूँ? मैं नास्तिक नहीं हूँ। मुझे नहीं पता! कि मैं स्वयं को सर्वेश्वरवादी, कह सकता हूँ या नहीं! इसमें निहित समस्या, हमारे सीमित मन के लिए बहुत व्यापक है। क्या मैं, एक दृष्टांत के साथ, उत्तर नहीं दे सकता? मानव मन, चाहे कितना भी प्रशिक्षित क्यों न हो? ब्रह्मांड को समझ नहीं सकता। हम एक, छोटे बच्चे की स्थिति में हैं, जो एक विशाल पुस्तकालय में प्रवेश कर रहा है। जिसकी दीवारें, छत तक विभिन्न भाषाओं की, पुस्तकों से ढकी हैं। बच्चा जानता है! कि किसी ने उन पुस्तकों को, अवश्य लिखा होगा? वह नहीं जानता! कि किसने या कैसे? वह उन भाषाओं को, नहीं समझता जिनमें वे लिखी गई हैं। बच्चा पुस्तकों की, व्यवस्था में एक निश्चित योजना, एक रहस्यमय क्रम देखता है। जिसे वह समझ नहीं पाता, बल्कि केवल अस्पष्ट, रूप से संदेह करता है। मुझे लगता है! कि यही मानव मन का, यहाँ तक कि सबसे महान और सबसे सुसंस्कृत मन का भी, ईश्वर के प्रति दृष्टिकोण है। हम एक अद्भुत रूप से, व्यवस्थित ब्रह्मांड को देखते हैं, जो कुछ नियमों का पालन करता है, लेकिन हम उन नियमों को, केवल अस्पष्ट रूप से ही समझ पाते हैं। हमारा सीमित मन, उस रहस्यमय शक्ति को, नहीं समझ सकता। जो नक्षत्रों को प्रभावित करती है। मैं स्पिनोज़ा के, सर्वेश्वरवाद से बहुत प्रभावित हूँ। आधुनिक चिंतन में, उनके योगदान की मैं और भी अधिक प्रशंसा करता हूँ। स्पिनोज़ा, आधुनिक दार्शनिकों में, सबसे महान हैं, क्योंकि वे, पहले दार्शनिक हैं! जो आत्मा और शरीर को, दो अलग-अलग चीज़ों के रूप में नहीं, बल्कि एक ही चीज़ के रूप में देखते हैं।
- मैं ऐसे ईश्वर की, कल्पना नहीं कर सकता। जो अपनी बनाई चीज़ों को, पुरस्कृत और दंडित करे। जिसके उद्देश्य हमारे उद्देश्यों के अनुरूप हों। संक्षेप में, एक ऐसा ईश्वर, जो मानवीय कमज़ोरी, का प्रतिबिम्ब मात्र हो। न ही! मैं यह मान सकता हूँ कि व्यक्ति अपने शरीर की, मृत्यु के बाद भी, जीवित रहता है। हालाँकि! कमज़ोर आत्माएँ भय या हास्यास्पद अहंकार के कारण, ऐसे विचारों को पालती हैं।
Frequently Asked Questions (FAQS)
- अल्बर्ट आइंस्टाइन का जन्म कहां हुआ था?
- इनका जन्म 14 मार्च 1879 उल्म, वुर्ट्टनबर्ग, जर्मन साम्राज्य में पौलीन आइंस्टीन - हरमन आइंस्टीन के यहूदी परिवार में हुआ था।
- अल्बर्ट आइंस्टाइन को भौतिक विज्ञान में किस विशेष कार्यों के लिए जाना जाता है?
- आइंस्टाइन एक जर्मन वैज्ञानिक, विश्वप्रसिद्ध सैद्धांतिक भौतिकविद, सामान्य आपेक्षिकता के ज्ञाता थे। सापेक्षता और विशिष्ट आपेक्षिकता, प्रकाश वैद्युत प्रभाव, द्रव्यमान-ऊर्जा-समतुल्यता। जो सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc² के लिए जाने जाते हैं।
- अल्बर्ट आइंस्टाइन कौन सा पुरस्कार प्रदान किया गया था?
- इनको भौतिकी का नोबेल पुरस्कार (1921), मेट्यूक्सी पदक (1921), कोप्ले पदक (1925), मैक्स प्लैंक पदक (1929), टाइम सदी के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति (1999)। उन्हें सैद्धांतिक भौतिकी, खासकर प्रकाश-विद्युत ऊत्सर्जन की खोज के लिए 1921 में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
- अल्बर्ट आइंस्टाइन का निधन कब हुआ था?
- इनका निधन 18 अप्रैल 1955 (उम्र 76 वर्ष) प्रिंस्टन, न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था।
ये भी पढ़ें:–अन्य संबंधित सुविचार
- अल्बर्ट आइंस्टाइन के अनमोल विचार
- अब्राहम लिंकन के अनमोल विचार
- स्टीव जॉब्स के सुविचार
- मान्यवर कांशीराम के सुविचार
- रवीन्द्र नाथ टैगोर के सुविचार
- दलाई लामा के सुविचार
- गुरु नानक देव जी के सुविचार
- महावीर स्वामी के सुविचार
- लाल बहादुर शास्त्री के सुविचार
- संत गाडगे बाबा के सुविचार
- सावित्री बाई फुले के सुविचार
- इंदिरा गांधी के सुविचार
- महात्मा ज्योतिबा फुले जी के अनमोल विचार
- डॉ.भीमराव अंबेडकर जी के अनमोल विचार
- पं. जवाहर लाल नेहरू के अनमोल विचार
- स्वामी विवेकानंद जी के अनमोल विचार
- महावीर स्वामी के अनमोल विचार | Mahaveer Swami Quotes in Hindi
- छत्रपति शिवाजी महाराज के अनमोल विचार | Chhatrapati Shivaji Maharaj Quotes In Hindi
- शहीद भगत सिंह के अनमोल विचार | Shaheed Bhagat Singh Quotes In Hindi
- डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम के अनमोल विचार | Dr.A.P.J.Abdul Kalam Quotes in Hindi
- महात्मा बुद्ध के 300+ अनमोल विचार | Mahatma Buddha Quotes in Hindi
- देशभक्ति सुविचार भाग–1 Patriotic Quotes in Hindi
- देशभक्ति सुविचार भाग–2 Patriotic Quotes in Hindi
- 26 नवंबर संविधान दिवस शायरी इन हिंदी | 26 November Constitution Day Shayari in Hindi
दोस्तों, अल्बर्ट आइंस्टाइन के अनमोल विचार | Albert Einstein Quotes in Hindi अनमोल विचार पढ़कर आपको कैसा लगा ? हमें कमेंट में जरूर बताइए। अगर आपको अच्छी लगी हो, तो दूसरों को अपने परिवार जनों को जरुर शेयर कीजिए, ताकि वह भी इन्हें पढ़कर इनसे प्रेरणा प्राप्त कर सकें। इसी तरह की और सुविचार इन हिंदी Suvichar in Hindi पढ़ने के लिए आप हमारे ब्लॉग www.jannayak23.blogspot.com में नियमित रूप से विजिट करिए, ताकि इस तरह की और सुविचार इन हिंदी Suvichar in Hindi आपको पढ़ने को मिलती रहे। आप इस ब्लॉग में जुड़े आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। आप अपनी जरूरत के हिसाब से ब्लॉग मेनू में जाकर कैटिगरीज में और भी अन्य चीजें देख सकते हैं, जो आपके लिए काफी मददगार हो सकता है। तो चलिए मिलते हैं, अगली किसी और महापुरुष के सुविचार इन हिंदी Suvichar in Hindi में, तब तक अपना ध्यान रखिए। खुश रहिए। पढ़ते रहिए। बढ़ते रहिए। धन्यवाद। ब्लॉक में प्रकाशित सामग्री इंटरनेट से प्राप्त पूरी तरह से जांची परखी गई है। इसमें किसी भी तरह के बदलाव में ब्लॉग या एडमिन जिम्मेदार नहीं होगा।
You May Also Like
Loading...
Tags:
सुविचार