महात्मा बुद्ध के 300+ अनमोल विचार | Mahatma Buddha Quotes in Hindi

महात्मा बुद्ध के 300+ अनमोल विचार Mahatma  Buddha Quotes in Hindi
  • जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से बेहतर स्वयं पर विजय प्राप्त करना है। यदि स्वयं पर विजय प्राप्त कर लिया, तो फिर जीत हमेशा तुम्हारी होगी। इसे तुमसे कोई नहीं छीन सकता।
  • अगर आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने निकले हैं, और किसी ने आपको रोका नहीं, तो समझ लेना कि आप गलत रास्ते पर चल रहे हो।
  • चिंता उस व्यक्ति को नुकसान पहुंचाती है, जो उसे पालता है, इसे छोड़ दें और मुक्ति पाएं।
  • जीवन की यात्रा में विश्वास आपको पोषण देता है, अच्छे काम एक घर की तरह हैं, ज्ञान दिन की रोशनी की तरह है और सजगता आपको सुरक्षा देती है। यदि मनुष्य शुद्ध जीवन जीता है, तो कोई चीज उसे नष्ट नहीं कर सकती है।
  • घृणा को घृणा से खत्म नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसे प्रेम से ही खत्म किया जा सकता है, जो कि एक प्राकृतिक सत्य हैं।
  • दर्द तो तय है, यह आपके हाथ में नहीं है। हां, दुखी होना या न होना आपके हाथ में अवश्य है।
  • जो व्यक्ति थोड़े में ही खुश रहता है। सबसे अधिक खुशी उसी के पास होती है। इसलिए आपके पास जितना है, उसी में खुश रहिए।
  • किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से अधिक डरना चाहिए। जानवर तो बस आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • मन और शरीर दोनों के लिए स्वस्थ रखने का रहस्य है- अतीत पर शोक मत करो, ना ही भविष्य की चिंता करो, बल्कि बुद्धिमानी और ईमानदारी से वर्तमान में जियो।
  • क्रोध को प्यार से, बुराई को अच्छाई से, स्वार्थ को उदारता से और झूठे व्यक्ति को सच्चाई से जीता जा सकता है।
  • यदि किसी के संगत से आपके विचार शुद्ध होने लगे, तो समझना वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं है।
  • ज्ञान, ध्यान से पैदा होता‌ है और ध्यान के बिना ज्ञान खो जाता है। इसलिए ज्ञान की प्राप्ति और हानि के इस दोहरे मार्ग को जानकर व्यक्ति को इस तरह साधना चाहिए कि ज्ञान में वृद्धि हो।
  • एक जागे हुए व्यक्ति को रात बड़ी लम्बी लगती है, एक थके हुए व्यक्ति को मंजिल बड़ी दूर नजर आती है। सच्चे धर्म से बेखबर मूर्खों के लिए जीवन-मृत्यु का सिलसिला भी उतना ही लंबा प्रतीत होता है।
  • बीता हुआ समय बीत चुका है। भविष्य अभी दूर है। वर्तमान पल ही वह समय है, जिसमें आप जी सकते हैं।
  • दुनिया हमेशा से प्रशंसा करने और दोष निकालने का रास्ता ढूंढती आई है। यही होता आया है और यही होता रहेगा।
  • अगर आपको मेरी तरह बांटने की शक्ति के बारे में पता होता, तो आप कभी भी बिना बांटे हुए भोजन नहीं करते।
  • अगर कोई काम करने लायक है, तो उसे पूरे मन से करो। तभी उसमें सफलता प्राप्त होगी।
  • घृणा, घृणा से नहीं प्रेम से ख़त्म होती है, यह शाश्वत सत्य है।
  • असली समस्या यह है कि आपको लगता है कि फलां काम को करने के लिए अभी आपके पास बहुत समय है।
  • अराजकता सभी जटिल बातों में निहित है, परिश्रम के साथ प्रयास करते रहो।
  • अंत में यही चीज सबसे ज्यादा मायने रखती है कि आपने कितनी अच्छी तरह से प्रेम किया। अपने जीवन को कितना भरपूर जीया और आपने कितनी गहराई से लोगों की त्रुटियों को माफ किया।
  • अगर आप उन चीजों की कद्र नहीं करते जो आपके पास है, तो फिर आपको खुशी कभी नहीं मिलेगी।
  • मनुष्य कितना ही गोरा क्यों ना हो, परंतु उसकी परछाई हमेशा काली होती है। इसलिए यह अहंकार मत कीजिए कि सिर्फ में ही श्रेष्ठ हूं।
  • जो व्यक्ति सिर्फ बोलता रहता है। वह ज्ञानी नहीं कहलाता, बल्कि जो व्यक्ति शांतिपूर्ण, प्रेमपूर्ण और निर्भय है। वास्तव में वही ज्ञानी है।
  • संसार में कोई भी चीज कभी भी अकेले मौजूद नहीं होती। हर एक चीज का संबंध तमाम दूसरी चीजों से होता है।
  • आप चाहे कितने ही पवित्र शब्द पढ़ लें। आप चाहे कितने ही पवित्र शब्द बोल लें। लेकिन जब तक आप उन्हें अपने जीवन में नहीं उतारते, उनका कोई लाभ नहीं है।
  • हर दिन एक नया दिन होता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बीता हुआ कल कितना मुश्किल था? हर दिन का एक नया सवेरा एक नई उम्मीद लेकर पैदा होता है।
  • एक जलते हुए दीपक से हजारों दीपक रोशन किया जा सकता है। फिर भी उस दीपक की रोशनी कम नहीं होती। ठीक उसी प्रकार खुशियां बांटने से बढ़ती है, न कि कम होती है।
  • हजार लड़ाई जीतने से अच्छा है। अपने आप को जीतना। फिर जीत तुम्हारी है, इसे तुमसे कोई नहीं ले सकता।
  • अपने बराबर या फिर अपने से समझदार व्यक्तियों के साथ सफ़र कीजिये। मूर्खो के साथ सफ़र करने से अच्छा है। अकेले सफ़र करना।
  • जो व्यक्ति स्वयं से सच्चा प्यार करता है, वह कभी दूसरे व्यक्ति को चोट नहीं पहुंचाता है।
  • देखते समय सिर्फ देखें। सुनते समय केवल सुनें। महसूस करते समय सिर्फ महसूस करें और सोचते समय केवल सोचें। यही वास्तविक कर्म है।
  • हम जो शब्द बोलते हैं। उनका चुनाव हमें बड़ी सावधानी से करना चाहिए। क्योंकि उन शब्दों को सुनने वाले व्यक्तियों पर उनका प्रभाव पड़ता है फिर चाहे वह प्रभाव अच्छा हो अथवा बुरा।
  • कोई भी व्यक्ति बहुत ज्यादा बोलते रहने से कुछ नहीं सीख पाता। समझदार व्यक्ति वही कहलाता है। जो कि धीरज रखने वाला, क्रोधित न होने वाला और निडर होता है।
  • आप सिर्फ उसे ही खोते हैं, जिससे आप चिपके रहते हैं।
  • एक मोमबत्ती हजारों मोमबत्तियों को रौशन कर सकती है, और फिर भी उस मोमबत्ती की उम्र कम नहीं होती। उसी तरह से खुशियां भी बांटने से भी कम नहीं होती हैं।
  • जीवन में कुछ भी स्थाई नहीं है। इसलिए बेवजह अपने आप को किसी चीज में ज्यादा मोह मत रखिए। यह दुःखदाई होता है।
  • बीते हुए कल को जाने दीजिये। भविष्य को जाने दीजिये। वर्तमान को भी जाने दीजिये और अपने अस्तित्व की सीमाओं से बाहर झाँक कर देखिये। जब आपका मन पूरी तरह आजाद होता है, तो आप जीवन-मृत्यु को उसके सही स्वरूप में देख पाते हैं।
  • शांतिप्रिय लोग आनंद से जीवन जीते हैं, और उन पर हार या जीत का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
  • कोई भी व्यक्ति सिर मुंडवाने से, या फिर उसके परिवार से, या फिर एक जाति में जनम लेने से संत नहीं बन जाता। जिस व्यक्ति में सच्चाई और विवेक होता है, वही धन्य है, वही संत है।
  • अपने विचारों के साथ, हम दुनिया बनाते हैं।
  • तुम जिस के पीछे पड़ते हो, उसी को खो देते हो।
  • अपने दिमाग पर शासन करो, अन्यथा यह तुम पर शासन करेगा।
  • सभी व्यक्तियों को मौत से डर लगता है। सभी सजा से डरते हैं। इसलिए बाकी लोगों को भी अपने जैसा ही समझिए। खुद किसी जीव को ना मारें और दूसरों को भी ऐसा करने से मना करें।
  • ज्ञानी व्यक्ति कभी नहीं मरते और जो नासमझ हैं, वे तो पहले से ही मरे हुए हैं।
  • खुशी, अच्छे स्वास्थ्य और बीती बातों को भुला देने से ज्यादा कुछ नहीं है।
  • जो व्यक्ति, क्रोधित होने पर अपने गुस्से को संभाल सकता है। वह उस कुशल ड्राईवर की तरह है, जो कि एक तेजी से भागती हुई गाडी को संभाल लेता है और जो ऐसा नहीं कर पाते, वे केवल अपनी सीट पर बैठे हुए दुर्घटना की प्रतीक्षा करते रहते हैं।
  • सारे बुरे कार्य मन के कारण ही होते हैं। अगर मन ही बदल जाए, तो क्या बुरा कार्य हो सकता है?
  • अगर व्यक्ति से कोई गलती हो जाती है, तो कोशिश करें कि उसे दोहराएं नहीं। उसमें आनन्द ढूंढने की कोशिश न करें, क्योंकि बुराई में डूबे रहना दुःख को न्योता देता है।
  • जीभ एक तेज चाकू की तरह होती है। यह बिना खून निकाले ही मारती है।
  • जिसका मन एकाग्र होता है। वही चीजों को उनके सही स्वरूप में देख पाता है।
  • हमें अपने द्वारा की गयी गलतियो की सजा तुरंत भले न मिले, पर समय के साथ कभी न कभी अवश्य मिलती है।
  • जिस तरह से एक तीर बेचने वाला अपने तीर को सीधा करता है, उसी तरह से एक समझदार व्यक्ति खुद को साध लेता है।
  • व्यक्ति खुद ही अपना सबसे बड़ा रक्षक हो सकता है; और कौन उसकी रक्षा कर सकता है?
  • अगर आपका खुद पर पूरा नियंत्रण है, तो आपको वह क्षमता हासिल होगी, जिसे बहुत ही कम लोग हासिल कर पाते हैं।
  • शांतिप्रिय लोग आनंद का जीवन जीते हैं। उन पर हार या जीत का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
  • नफरत को नफरत से नहीं मिटाया जा सकता, नफरत को केवल प्यार ही मिटा सकता है।
  • तीन चीज़ें लंबे समय तक छिप नहीं सकतीं, सूर्य, चंद्रमा, और सत्य।
  • किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से अधिक डरना चाहिए, क्योंकि जानवर तो बस आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • अगर आप किसी दूसरे के लिए दीया जलाते हैं, तो यह आपके रास्ते को भी रौशन कर देता है।
  • आपका बड़े से बड़ा दुश्मन भी आपको उतना नुकसान नहीं पहुंचा सकता। जितना नुकसान आपके अनियंत्रित विचार आपको पहुंचाते हैं।
  • आप खुद अपने प्यार और स्नेह के उतने ही हकदार हैं, जितना इस दुनिया में कोई भी अन्य व्यक्ति है।
  • सभी बुरे कार्य मन के कारण उत्पन्न होते हैं। अगर मन परिवर्तित हो जाये तो क्या अनैतिक कार्य रह सकते हैं? 
  • सभी बुराइयों से दूर रहने के लिए, अच्छाई का विकास कीजिए और अपने मन में अच्छे विचार रखिये।
  • आज हम जो करते हैं, जीवन में वही सबसे ज्यादा मायने रखता है। जो व्यक्ति थोड़े में ही खुश रहता है, सबसे अधिक खुशी उसी के पास होती है।
  • सत्य के मार्ग पर चलते हुए कोई व्यक्ति दो गलतियां कर सकता है। एक, पूरा रास्ता तय न करना और दूसरा, इसकी शुरुआत भी न करना।
  • जब तक आपके मन में नाराजगी के विचार पोषित होते रहेंगे। तब तक आपका क्रोध भी बना रहेगा। लेकिन जैसे ही आप नाराजगी के विचारों को भुला देंगे। वैसे ही आपका क्रोध भी गायब हो जाएगा।
  • जो व्यक्ति विचलित करने वाले विचारों से मुक्त होते हैं, उन्हें शांति अवश्य प्राप्त होती है।
  • चाहे आप जितने पवित्र शब्द पढ़ लें या बोल लें, वो आपका क्या भला करेंगे जब तक आप उन्हें उपयोग में नहीं लाते?
  • अपना उद्धार स्वयं ही करें। दूसरों पर निर्भर न रहें।
  • पूरी दुनिया में इतना अंधेरा नहीं है कि वह एक मोमबत्ती की रौशनी को मिटा सके।
  • अगर थोड़े से आराम को छोड़ने से व्यक्ति एक बड़ी खुशी को देख पाता है, तो एक समझदार व्यक्ति को चाहिए कि वह थोड़े से आराम को छोड़कर बड़ी खुशी को हासिल करे
  • यदि आप समस्या का हल निकाल सकते, तो फिर चिंता क्यों? और यदि समस्या का कोई समाधान नहीं है, तो फिर चिंता करने का भी कोई फायदा ही नहीं।
  • बुरे कार्य करने वाला व्यक्ति इस संसार में तो शोक मनाता ही है। जब वह अपने काम की बुराई देखता है, तो वह दुःख में डूब जाता है।
  • दुनिया नहीं जानती, कि हम सभी का अंत यहीं पर होना है। लेकिन जो लोग इस सत्य को जानते हैं। उनके सारे झगड़े एक ही बार में खत्म हो जाते हैं।
  • विश्वास के बिना आप कहीं भी नहीं पहुँच सकते। इसलिए अगर आप किसी चीज को पाना चाहते हैं, तो विश्वास बहुत जरूरी है।
  • अस्तित्व का पूरा रहस्य है, डर से मुक्त हो जाना।कभी भी इस बात से ना डरें, कि आपका क्या होगा। किसी पर भी निर्भर ना रहें। जिस वक्त आप सभी तरह की मदद को इन्कार कर देते हैं, आप आजाद हो जाते हैं।
  • सच्चाई के रास्ते पर चलते हुए इंसान दो ही तरह की गलतियां कर सकता है। एक यह कि रास्ते पर आखिर तक ना चलना और दूसरा यह कि शुरुआत ही ना करना।
  • जो व्यक्ति जीवन में केवल सुखों की तलाश करता है। जिसकी इंद्रियां अनियंत्रित हैं। जो खाने के लिए जीता है। वह आलसी है और कमजोर है।
  • लालच उसको उसी प्रकार से गिराता है, जैसे कि तूफान एक कमजोर पेड़ को गिरा देता है।
  • अगर आपकी दिशा सही है, तो फिर चिंता की बात नहीं। आपको बस इतना करना है कि आप चलते रहें।
  • एक वफादार, गुणी, प्रतिष्ठित और धनी व्यक्ति जो भी जगह चुनता है। वहां उसका सम्मान किया जाता है।
  • एक विचारहीन मनुष्य की प्यास अमर बेल की तरह बढ़ती है। वह एक जीवन से दुसरे जीवन की तरफ उसी तरह से भागता है। जैसे जंगल में एक बंदर फलों के लिए एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर भागता रहता है।
  • इंसान को एक बंधन मुक्त मन का निर्माण करना चाहिए। जो ऊपर और नीचे और चारों ओर फैला हुआ हो। वह भी बिना किसी बाधा के, बिना किसी दुश्मन के, बिना किसी बदले की भावना के।
  • अगर आपका चित्त् शांत है, तभी आप इस ब्रह्मांड के प्रवाह को सुन पाएंगे, इसकी लय ताल को महसूस कर पाएंगे। खुशी इसके आगे रहती है, और ध्यान इसकी चाबी है।
  • अगर आप उन चीजों की कद्र नहीं करते, जो आपके पास हैं, तो फिर आपको खुशी कभी भी नहीं मिलेगी।
  • आप चाहें जितनी किताबें पढ़ लें, कितने भी अच्छे प्रवचन सुन लें, उनका कोई फायदा नहीं होगा, जब तक कि आप उनको अपने जीवन में नहीं अपनाते।
  • जीवन संघर्षों का एक अवसर है, उनमें से प्रत्येक सीखने और आगे बढ़ने का। उद्धार का रास्ता मन के विचारों से होता है, इसलिए उन्हें स्वयंसेवक के रूप में नियंत्रित करें।मोह और अविवेक से दूर रहें, सत्य और संयम को अपनाएं, यही जीवन की शांति है।
  • आपके पास जो कुछ भी है, उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिये।
  • जो दूसरों से ईर्ष्या करता है, उसे मन की शांति नहीं मिलती। शांति भीतर से आती है, बाहर इसकी तलाश करना व्यर्थ है।
  • हम अपने विचारों का ही परिणाम हैं। मन ही सब कुछ है। जो हम सोचते हैं, हम वही बन जाते हैं।स्वयं को जीतना दूसरों को जीतने से ज्यादा मुश्किल काम है।
  • अपने शरीर को स्वस्थ रखना आपका कर्तव्य है वरना, आप अपने मन को मजबूत और स्पष्ट नहीं रख पाएंगे।
  • अगर आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए आपको कोई साथी नहीं मिलता है, तो अकेले ही चलिए।
  • अपना मन अच्छे कार्यों को करने में लगाएं, इसे बार-बार करें। और आप देखेंगे कि आप खुशी से भर जाएंगे।
  • एक समझदार व्यक्ति अपने भीतर की कमियों को उसी प्रकार से दूर कर लेता है, जिस तरह से एक सुनार चांदी की अशुद्धियों को, चुन-चुन कर, थोड़ा-थोड़ा करके और इस प्रक्रिया को बार-बार दोहरा कर दूर करता है।
  • यह सोचना अत्यंत हास्यास्पद है, कि कोई दूसरा व्यक्ति आपको खुश या दु:खी कर सकता है।
  • गुस्से को अपने भीतर रखना ऐसा ही है, जैसे आप जहर तो खुद पियें और किसी दूसरे आदमी के मरने की उम्मीद करें।
  • जंगली जानवर की अपेक्षा कपटी और दुष्ट मित्र से डरना चाहिए। जंगली जानवर आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुकसान पहुंचाता है।
  • जीवन की असली संग्राम हमारे मन के अंदर होता है।तुम्हारा मन ही तुम्हारा शिकारी है, इसे नियंत्रित करो।
  • शांति उस समय आती है, जब हम अपने विचारों को संयमित करते हैं।
  • मन सब कुछ है, तुम जैसा सोचते हो, वैसा ही बनते हो।
  • जिस तरह से तूफ़ान एक मजबूत पत्थर को हिला नहीं पाता, उसी तरह से महान व्यक्ति, तारीफ़ या आलोचना से प्रभावित नहीं होते।
  • आकाश में पूरब और पश्चिम का कोई भेद नहीं है, लोग अपने मन में भेदभाव को जन्म देते हैं और फिर यह सच है। ऐसा विश्वास करने लगते हैं।
  • आपका शरीर अनमोल है। यह जाग्रत होने के लिए हमारा वाहन है। इसका ध्यान रखें।
  • विचलित मन वाले व्यक्ति को मौत उसी तरह से बहा कर ले जाती है। जिस तरह से अचानक आई बाढ़ में गांव के सोते हुए लोग बह जाते हैं।
  • सच्चा प्यार समझदारी से ही पैदा होता है।
  • हर दिन नया दिन होता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बीता हुआ कल कितना मुश्किल था। आप हमेशा एक नई शुरुआत कर सकते हैं।
  • दुःख सिर्फ मन के विचारों का उत्पाद है, उन्हें त्यागिए और आनंद पाइए।
  • मन को जीतने वाला ही असली विजेता है।
  • जहां विचारों का शांति होता है, वहां सच्ची खुशी पाई जा सकती है।
  • एक अनुशासनहीन मन जितना अवज्ञाकारी कुछ भी नहीं होता और एक अनुशासित मन जितना आज्ञाकारी भी कुछ भी नहीं है।
  • सच्चाई को अपनी जमीन बनाएं, सच्चाई को अपना घर बनाएं। क्योंकि दुनिया में इससे बड़ा कोई घर नहीं है।
  • सभी व्यक्तियों को सजा से डर लगता है, सभी मौत से डरते हैं। बाकी लोगों को भी अपने जैसा ही समझिए, खुद किसी जीव को ना मारें और दूसरों को भी ऐसा करने से मना करें।
  • आपका काम है, अपनी पसंद के काम को खोजना। उसे खोजें और फिर उस काम में खुद को पूरी तरह से लगा दें। यही सफलता का मार्ग है।
  • स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है। संतोष सबसे बड़ी संपत्ति और वफादारी सबसे अच्छा रिश्ता है।
  • जिस व्यक्ति का मन शांत होता है, जो व्यक्ति बोलते और अपना काम करते समय शांत रहता है। वह, वही व्यक्ति होता है। जिसने सच को हासिल कर लिया है और जो दुःख-तकलीफों से मुक्त हो चुका है।
  • जिस तरह एक ठोस चट्टान तूफान में भी स्थिर रहती है। वैसे ही बुद्धिमान व्यक्ति भी प्रशंसा या दोष से प्रभावित नहीं होते हैं।
  • इच्छाओं का कभी अंत नहीं होता। अगर आपकी एक इच्छा पूरी होती है, तो दूसरी इच्छा तुरंत जन्म ले लेती है।
  • एक समझदार व्यक्ति अपने अंदर की कमियों को उसी तरह से दूर कर लेता है। जिस तरह से एक स्वर्णकार चांदी की अशुद्धियों को चुन-चुन कर, थोडा-थोडा करके और इस प्रक्रिया को बार-बार दोहरा कर दूर कर लेता है।
  • उसने मेरा अपमान किया। मुझे कष्ट दिया। मुझे लूट लिया। जो व्यक्ति जीवन भर इन्हीं बातों को लेकर शिकायत करते रहते हैं। वे कभी भी चैन से नहीं रह पाते हैं। सुकून से वही व्यक्ति रहते हैं, जो खुद को इन बातों से ऊपर उठा लेते हैं।
  • आत्मविश्वास और आत्मसम्मान कि किसी भी संघर्ष का मुख्य ठिकाना मन है। जहाँ तक हो सके, हमें अपनी मन की शांति और स्थिरता को बनाए रखना चाहिए।
  • यह सोचना काफी आवश्यक है कि किसी भी परिस्थिति में हम अपने आप को न खोने का प्रयास करें बल्कि स्थायीत्व की देन में टिके रहें
  • दुख और दुःखी मन का कारण अज्ञान है, बुद्ध के वचन से प्रज्ञा प्राप्त करें।
  • विचार का शक्तिशाली असर जीवन को संतुष्ट, शांत और समृद्ध बना सकता है।
  • अपने विचारों की गहराई में जाकर, बुद्ध की समझ और प्रबुद्धता को प्राप्त करें।
  • बुद्ध के विचारों के साथ अपनी आत्मा की शुद्धता और स्थिरता को प्राप्त करें।
  • परिवर्तन के साथ सामर्थ्य बढ़ता है और यहाँ तक कि जब तक हम अपने मन की शक्ति और विश्वास को बचाये रखें। हम किसी भी संघर्ष का आशानूरूपता से सामना कर सकते हैं।
  • आत्मविश्वास की धारणा हमें संघर्षों से न केवल बचाती है, बल्कि हमें उनके मध्यवर्ती समयों में उच्चतम स्थिति में भी रखती है।
  • हमारे मार्ग पर अटल रहने के लिए आत्मविश्वास और आत्मसम्मान पूरी तरह से महत्वपूर्ण होते हैं।
  • कोई मनुष्य बुरी सोच के साथ बोलता या काम करता है, तो उसे कष्ट ही मिलता है। वहीं यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता या काम करता है, तो उसे जीवन में खुशियां मिलती हैं। ये खुशी उसकी परछाई की तरह उसका साथ कभी नहीं छोड़ती है।
  • इंसान जैसा सोचता है, उसकी सोच जैसी होती है, वह वैसा ही बना जाता है। कोई मनुष्य बुरी सोच के साथ बोलता या काम करता है, तो उसे कष्ट ही मिलता है। वहीं यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता या काम करता है तो उसे जीवन में खुशियां मिलती हैं।
  • व्यक्ति कभी भी बुराई से बुराई को खत्म नहीं कर सकता। इसे खत्म करने के लिए व्यक्ति को प्रेम का सहारा लेना पड़ता है। प्रेम से दुनिया की हर बड़ी चीजों को जीता जा सकता है।
  • भविष्य के बारे में सपने देखकर अभी से मत उलझो। भूतकाल के समय को याद करके पछताने से अच्छा है, अपने वर्तमान में खुश रहो। खुश रहने का सबसे अच्छा तरीका यही है।
  • जिस तरह से एक जलता हुआ दीया हजारों लोगों को रौशनी देता है। ठीक वैसे ही खुशियां बांटने से आपस में प्यार बढ़ता है। खुशियां बांटने से हमेशा बढ़ती हैं। कभी कम नहीं होती हैं।
  • हमें हमारे आसपास की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहिए। हमारे जीवन में ऐसी कई चीजें मौजूद हैं, जो हमको प्रसन्नता और संतुष्टि देती हैं, परंतु हम उनका सही मायने समझना भूल जाते हैं। जब हम प्रकृति के मुख्यतः पांच तत्वों - भूमि, वायु, अग्नि, जल और आकाश के साथ संवाद करते हैं, तब हम अपनी आत्मा की गहरी सन्तुष्टि महसूस करते हैं। इसलिए, हमें आत्म-चिंतन की अवधारणा की है, जो हमें इस प्रशांत और संतुलित अवस्था तक पहुंचाती है।
  • जो आंतरिक शांति की खोज में रहते हैं, वह मानों और सामाजिक बाधाओं से परे हो चुके हैं। अपने आपको वैमनस्यिक स्थिति में स्थापित करना और अन्तःकरण के सुकून को स्थापित करना आवश्यक है। यही हमें प्रकृति से हमारा संबंध साधारित करता है और हमें सच्ची सुख-शान्ति का आनंद देता है।
  • चाहे हमारे जीवन में कितनी भी समस्याएं और चिंताएं हों। हमें यह जानना चाहिए कि हम अपने आसपास के दृश्य-दिशाओं, स्थानों, सुगंधों और आवाजों का आनंद लेने के लिए सक्षम हैं।
  • हम जो सोचते हैं, वह बन जाते हैं।
  • शक की आदत से भयावह कुछ भी नहीं है। शक लोगों को अलग करता है। यह एक ऐसा जहर है, जो मित्रता खतम करता है और अच्छे रिश्तों को तोड़ता है। यह एक काँटा है, जो चोटिल करता है। एक तलवार है, जो वध करती है।
  • किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं। हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं।
  • हमें शांति और संतुष्टि की खोज में अपने आसपास की प्रकृति का साथ लेना चाहिए। ताकि हमारा मन प्रसन्न बना रहे और हम अपने जीवन की सामर्थ्य को समझें और उसे ऐसे सुंदरता से भर दें जो सिर्फ प्रकृति ही प्रदान कर सकती है।
  • जो कुछ हम सोचते हैं, वही हम बन जाते हैं। यदि हम नकारात्मक सोचेंगे, तो हम नकारात्मक बनेंगे और यदि हम सकारात्मक सोचेंगे, तो हम सकारात्मक और सफल बनेंगे। इसलिए, हमेशा अच्छी सोच को अपनाना चाहिए और उच्च आदर्शों के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
  • जीवन में एक दिन भी समझदारी से जीना कहीं अच्छा है, बजाय एक हजार साल तक बिना ध्यान के साधना करने के।
  • बंधन ही सभी दुखों की जड़ है।
  • शब्दों के भीतर नष्ट करने और स्वस्थ करने दोनों ही शक्तियां होती हैं। जब शब्द सच्चे और दयालु होते हैं, तो वे हमारे जीवन को बदल सकते हैं।
  • आप अपने गुस्से के लिए दंडित नहीं हुए, आप अपने गुस्से के द्वारा दंडित हुए हो।
  • जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, वैसे ही मनुष्य भी बिना आध्यात्मिक जीवन के नहीं जी सकता।
  • असली खुशी सब कुछ प्राप्त करने में नहीं है, सब कुछ दे देने में है।
  • किसी बात पर हम जैसे ही क्रोधित होते हैं, हम सच का मार्ग छोड़कर अपने लिए प्रयास करने लग जाते है।
  • हमारे विचार ही हमारे कर्मों को प्रेरित करते हैं, इसलिए सुनिश्चित करें कि हमारे विचार सकारात्मक और सचेत हों।
  • घृणा घृणा से कभी कम नहीं होती, प्रेम से ही होती है।
  • पाप का संचय ही दुःखों का मूल है।
  • जो अपने ऊपर विजय प्राप्त करता है। वही सबसे बड़ा विजयी है।
  • हमारे विचार समय-समय पर हमारे जीवन में नए मार्गों का निर्देश दाता बन सकते हैं, और हमें अवस्थाओं को समझने और स्वीकार करने में मदद कर सकते हैं।
  • मनुष्य स्वयं ही अपना स्वामी है। स्वयं ही वह अपनी गति है। इसलिए तुम अपने आपको संयम में रखो, जैसे घुड़सवार अपने सधे हुए घोड़े को अपने वश में रखता है।
  • यदि हम सकारात्मक विचार की प्रथा को निरंतर अपनाएँगे, तो हम अपनी संतुष्टि, शांति और उच्चतम आनंद को प्राप्त कर सकेंगे। इसलिए, हमेशा सकारात्मक विचार का आदान-प्रदान करें और आनंदपूर्वक जीवन जिएं।
  • यह सोचना काफी आवश्यक है कि किसी भी परिस्थिति में हम अपने आप को न खोने का प्रयास करें, बल्कि स्थायीत्व की देन में टिके रहें।
  • परिवर्तन के साथ सामर्थ्य बढ़ता है, और यहाँ तक कि जब तक हम अपने मन की शक्ति और विश्वास को बचाये रखें। हम किसी भी संघर्ष का आशानूरूपता से सामना कर सकते हैं। आत्मविश्वास की धारणा हमें संघर्षों से न केवल बचाती है, बल्कि हमें उनके मध्यवर्ती समयों में उच्चतम स्थिति में भी रखती है। हमारे मार्ग पर अटल रहने के लिए आत्मविश्वास और आत्मसम्मान पूरी तरह से महत्वपूर्ण होते हैं।
  • जो दिल से स्नेह और सम्मान दूसरों को देता है, वही सच्चा बुद्ध है।
  • जिसे ज्ञान की पीयूष से प्यास बुझती है, वही सम्पूर्णता का प्राप्त होता है।
  • अपनी मति को शांति में रखने की कला केवल बुद्ध की प्राप्ति से संभव है।
  • संयम और ध्यान से युक्त मन शांति और सुख का मूल है।
  • अपने शब्दों का ध्यान रखो, क्योंकि वे तुम्हारे जीवन की गणना करते हैं।
  • जीवन का आनंद उसे खोजने में है, जो मन को शांति प्रदान करता है।
  • अंधकार को दूर करने के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है, और उसे प्रकाश में बदलने के लिए उपासना की।
  • अतीत के पश्चात सोचना व्यर्थ है। भविष्य के बारे में चिंता करना व्यर्थ है। मन को वर्तमान क्षण में स्थिरता में रखें।
  • जीवन को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए, सत्य, क्षमा, संयम, और करुणा की प्रथा को पालन करें।
  • अपने मन को शांत करें, और आप अपनी सभी समस्याओं का हल पाएंगे।
  • भवन विचारों का निर्माण करता है, मस्तिष्क उन्हें आवास देता है।
  • उच्चता का मार्ग शांति नहीं, बल्कि समझदारी का मार्ग है। शांति सोच का निष्कर्ष है, और सोच शांति का आधार है।
  • संयमित मन न केवल विजयी होता है, बल्कि नये जीवन की भी स्थापना करता है।
  • जैसे बिना आग के मोमबत्ती नहीं जल सकती है, ठीक उसी तरह बिना आध्यात्मिक ज्ञान के इंसान नहीं रह सकता है।
  • स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है। संतोष सबसे बड़ा धन है। वफ़ादारी सबसे बड़ा संबंध है।
  • बिना सेहत के जीवन, जीवन नहीं है। बस पीड़ा की एक स्थिति है। मौत की छवि है।
  • बैर से बैर कभी नहीं मिटता। अबैर से मैत्री से ही बैर मिटता है। मित्रता ही सनातन नियम है।
  • मनुष्य स्वयं ही अपना स्वामी है। भला दूसरा कोई उसका स्वामी कैसे हो सकता है? मनुष्य अपने आप ही अच्छी तरह से अपना दमन करके दुर्लभ स्वामित्व को, निर्वाण को प्राप्त कर सकता है।
  • जो बीत गया। उसमें नहीं उलझना चाहिए और ना ही भविष्य को लेकर ज्यादा चिंतित रहना चाहिए, बल्कि हमें वर्तमान में ही जीना चाहिए। यही खुशी से जीने का रास्ता है।
  • नफरत से नफरत कभी खत्म नहीं हो सकती। नफरत को केवल प्यार द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है। यह एक प्राकृतिक सत्य है।
  • मनुष्य को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने से अधिक अपनी यात्रा पर ध्यान देना चाहिए। जैसे हजारों शब्दों से एक अच्छा शब्द जो शांति प्रदान करता हो।
  • इस संसार में कभी भी खुशी और सुख स्थायी नहीं हो सकते। ठीक इसी तरह दुख भी स्थायी नहीं है। अगर आप अंधेरे में डूबे हैं। बुरे समय का सामना कर रहे हैं, तो आपको रोशनी की तलाश करनी चाहिए।
  • वह जो पचास लोगों से प्रेम करता है। उसके पचास संकट हैं।वो जो किसी से प्रेम नहीं करता। उसके एक भी संकट नहीं हैं।
  • चार आर्य सत्य हैं : पहला यह कि दुःख है। दूसरा यह कि दुःख का कारण है। तीसरा यह कि दुःख का निदान है। चौथा यह कि वह मार्ग है, जिससे दुःख का निदान होता है।
  • मैत्री के मोगरों की महक से ही संसार में सद्भाव का सौरभ फैल सकता है।
  • आपके पास जो कुछ भी है। उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए और ना ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिए।
  • किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं। हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं।
  • एक पल एक दिन को बदल सकता है। एक दिन एक जीवन को बदल सकता है। और एक जीवन इस दुनिया को बदल सकता है।
  • क्रोध को प्यार से, बुराई को अच्छाई से, स्वार्थी को उदारता से और झूठे व्यक्ति को सच्चाई से जीता जा सकता है।
  • जिस व्यक्ति का मन शांत होता है। जो व्यक्ति बोलते और अपना काम करते समय शांत रहता है। वह वही व्यक्ति होता है। जिसने सच को हासिल कर लिया है और जो दुःख-तकलीफों से मुक्त हो चुका है।
  • जो व्यक्ति अपना जीवन को समझदारी से जीता है। उसे मृत्यु से भी डर नहीं लगता।
  • अज्ञानी आदमी एक बैल के समान है। वह ज्ञान में नहीं, आकार में बढ़ता है।
  • क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकडे रहने के सामान है। इसमें आप ही जलते हैं।
  • सभी को यह त्रिगुण सत्य सिखाएं:– उदार हृदय, दयालु वाणी और सेवा और करुणा का जीवन वे चीजें हैं जो मानवता को नवीनीकृत करती हैं।
  • चाहे आप कितने भी पवित्र शब्द पढ़ें। चाहे आप कितने भी बोलें। यदि आप उन पर अमल नहीं करेंगे, तो वे आपका क्या भला करेंगे?
  • अपना दिल अच्छे काम करने में लगाओ। इसे बार-बार करो और तुम आनंद से भर जाओगे।
  • सच्चा प्यार समझ से पैदा होता है।
  • ईर्ष्या और नफरत की आग में जलते हुए इस संसार में खुशी और हंसी स्थाई नहीं हो सकती। अगर आप अँधेरे में डूबे हुए हैं, तो आप रौशनी की तलाश क्यों नहीं करते।
  • एक जागे हुए व्यक्ति को रात बड़ी लम्बी लगती है एक थके हुए व्यक्ति को मंजिल बड़ी दूर नजर आती है। इसी तरह सच्चे धर्म से बेखबर मूर्खों के लिए जीवन-मृत्यु का सिलसिला भी उतना ही लंबा होता है।
  • निश्चित रूप से जो नाराजगी युक्त विचारों से मुक्त रहते हैं। वही जीवन में शांति पाते हैं।
  • अतीत में ध्यान केन्द्रित नहीं करना, ना ही भविष्य के लिए सपना देखना, बल्कि अपने दिमाग को वर्तमान क्षण में केंद्रित करना।
  • जिस प्रकार लापरवाह रहने पर घास जैसी नरम चीज की धार भी हाथ को घायल कर देती है। उसी तरह से सत्य के वास्तविक स्वरूप को पहचानने में हुई गलती आपको संकट के दरवाजे पर पहुंचा सकती है।
  • बुराई अवश्य रहना चाहिए। तभी तो अच्छाई इसके ऊपर अपनी पवित्रता साबित कर सकती है।
  • आपका सबसे बड़ा दुश्मन आपको उतना नुकसान नहीं पहुंचा सकता। जितना आपके अपने विचारहीन विचार।
  • हर चीज़ में कुछ अच्छा देखने के लिए अपने दिमाग को प्रशिक्षित करें।
  • जितना अधिक आप शांत होंगे, उतना अधिक आप सुन सकेंगे।
  • एक मूर्ख व्यक्ति एक समझदार व्यक्ति के साथ रहकर भी अपने पूरे जीवन में सच को उसी तरह से नहीं देख पाता। जिस तरह से एक चम्मच, सूप के स्वाद का आनंद नहीं ले पाता है।
  • माता-पिता बनना अत्यंत सुखद अनुभव है। उत्साह से जीवन जीना और स्वयं पर महारत हासिल करना खुशी देता है।
  • बुराइयों से दूर रहने के लिए, अच्छाई का विकास कीजिए और अपने मन को अच्छे विचारों से भर लीजिए।
  • अच्छे स्वास्थ्य में शरीर रखना एक कर्तव्य है। अन्यथा हम अपने मन को मजबूत और साफ रखने में सक्षम नहीं हो पाएंगे।
  • रास्ता आकाश में नहीं है। रास्ता दिल में है।
  • जिस तरह से आकाश में मिट्टी उछालने पर वह मुंह पर ही गिरती है। उसी तरह से मूर्ख व्यक्ति जब अच्छे लोगों के साथ बुरा करने की कोशिश करते हैं, तो उनका खुद का ही बुरा होता है।
  • हमेशा याद रखें कि बुरा कार्य अपने मन में बोझ रखने के समान है।
  • अज्ञानी व्यक्ति से कभी भी उलझना और बहस नहीं करना चाहिए। वो एक बैल के समान है। जो सिर्फ आकार में बड़ा दिखता है, ज्ञान में नहीं।
  • एक दीपक से हजारों दीपक जल सकते हैं। फिर भी दीपक की रोशनी कम नहीं होती। इसलिए खुशियां बांटते रहिए।
  • क्रोध जलते हुए कोयले की तरह होता है। जो किसी के ऊपर फेंकने से पहले आपके खुद के हाथों को जलाता है। क्रोध को पाले रखना मतलब खुद का ही नुकसान करना है।
  • हम जो कुछ भी हैं। वह हमने आज तक क्या सोचा? इस बात का परिणाम है।
  • हजारों खोखले शब्दों से अच्छा वह एक शब्द है। जो शांति लाए।
  • एक जग बूंद-बूंद कर के भरता है।
  • वह व्यक्ति जो 50 लोगों से प्यार करता है। उसके पास खुश होने के लिए 50 कारण होते हैं। जो किसी से प्यार नहीं करता। उसके पास खुश रहने का कोई कारण नहीं होता।
  • झरना बहुत शोर मचाता है, लेकिन सागर गहरा और शांत होता है। जिस काम को करने में वर्तमान में तो दर्द हो। लेकिन भविष्य में खुशी, उसे करने के लिए काफी अभ्यास की जरूरत होती है।
  • ज्ञान ध्यान से पैदा होता है और ध्यान के बिना ज्ञान खो जाता है। इसलिए ज्ञान की प्राप्ति और हानि के इस दुगुने मार्ग को जानकर, व्यक्ति को खुद को इस तरह से साधना चाहिए ताकि ज्ञान में वृद्धि हो।
  • दूसरे लोगों के दोषों को ना देखें। ना ही उनकी गलतियों को। इसके बजाय अपने खुद के कर्मों को देखें कि आप क्या कर चुके हैं और क्या करना अभी बाकी है।
  • अकेलापन ऐसे व्यक्ति को खुशी देता है। जो कि संतोषी है। जिसने शांति के बारे में सुना है और उसे साफ तौर पर देखा है।
  • हम किसी भी बात पर जैसे ही क्रोधित होते हैं, तो हम सच नहीं देख पाते। सिर्फ अपने लिए प्रयास करने लग जाते हैं। क्रोधित व्यक्ति स्वार्थी हो जाता है। सिर्फ अपनी बात मनवाने की कोशिश करता है। क्रोध से बचना चाहिए।
  • व्यक्ति अपने अच्छे और बुरे स्वास्थ्य का जिम्मेदार स्वयं होता है। इसीलिए खान-पान और दिनचर्या का ध्यान रखना चाहिए।
  • ईर्ष्या और नफरत की आग में जलते हुए इस संसार में खुशी और हंसी कैसे स्थाई हो सकती है? अगर आप अँधेरे में डूबे हुए हैं, तो रौशनी की तलाश क्यों नहीं करते?
  • जो व्यक्ति सच्चाई की तलाश नहीं करते। वे जीवन जीने के असली उद्देश्य भटक गए हैं।
  • हर इंसान अपने स्वास्थ्य या बीमारी का लेखक है।
  • स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है। संतोष सबसे बड़ा धन है। वफादारी सबसे बड़ा संबंध है।
  • तुम अपने क्रोध के लिए दंड नहीं पाओगे, तुम अपने क्रोध द्वारा दंड पाओगे।
  • आपके पास जो कुछ भी है। उसे बढ़ा-चढ़ाकर मत बताइए, और न ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिए। 
  • जो दूसरों से ईर्ष्या करता है। उसे मन की शांति नहीं मिलती
  • सदैव अपने से समझदार व्यक्तियों के साथ सफर करिये। मूर्खों के साथ सफर करने से अच्छा है। अकेले सफर करना।
  • शंका बहुत खतरनाक होती है। ये एक ऐसी आदत है। जो पति-पत्नी का रिश्ता, दो दोस्तों की दोस्ती और दो प्रेमियों का प्रेम खत्म कर सकती है। इससे हर किसी को बचना चाहिए।
  • अतीत में मत रहो। भविष्य के सपने मत देखो। मन को वर्तमान क्षण पर केंद्रित करो।
  • हर सुबह हम नया जन्म लेते हैं। हम आज क्या करते हैं? यह सबसे ज्यादा मायने रखता है।
  • तुम्हें तुम्हारे गुस्से की सज़ा नहीं मिलेगी। तुम्हें तुम्हारे गुस्से की सज़ा मिलेगी।
  • यदि आप किसी के लिए दीपक जलाते हैं, तो यह आपका मार्ग भी रोशन करेगा।
  • अगर आपको अपने जीवन में शांति और सुकून चाहिए, तो भूतकाल और भविष्‍यकाल में उलझना छोड़ दीजिए। जो वर्तमान है, वही सत्‍य है। उसी में जीने की आदत डालिए।
  • उसने मेरा अपमान किया। मुझे कष्ट दिया। मुझे लूट लिया। जो व्यक्ति जीवन भर इन्हीं बातों को लेकर शिकायत करते रहते हैं। वे कभी चैन से नहीं रह पाते। सुकून से वही व्यक्ति रहते हैं। जो खुद को इन बातों से ऊपर उठा लेते हैं।
  • हजारों लड़ाइयाँ जीतने से बेहतर है। खुद पर विजय पाना। अगर खुद पर विजय पा लिया तो फिर जीत आपकी है।
  • शांति भीतर से आती है। इसको बाहर में तलाश मत करो।
  • क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने के इरादे से पकड़ने के समान है। जिसमे तुम ही जलते हो।
  • स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है। संतोष सबसे बड़ा धन है। वफ़ादारी सबसे अच्छा रिश्ता है।
  • किसी भी चीज़ पर विश्वास न करें। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने इसे कहाँ पढ़ा है? या किसने इसे कहा है? इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैंने इसे कहा है जब तक कि यह आपके अपने कारण और आपके अपने विवेक से सहमत न हो।
  • अगर हम एक फूल का चमत्कार स्पष्ट रूप से देख सकें, तो हमारा पूरा जीवन बदल जाएगा।
  • जीवन में आपको अपना उद्देश्य ढूंढना और उसमें अपना पूरा दिल और जान लगा देना है।
  • मैं कभी नहीं देखता क्या किया गया है? मैं केवल ये देखता हूं, कि क्या करना बाकी है?
  • कोई भी व्यक्ति बहुत ज्यादा बोलने से कुछ नहीं सीख पाता। समझदार व्यक्ति वही कहलाता है। जो धीरज रखने वाला, क्रोधित न होने वाला और निडर होता है।
  • उदार हृदय, दयालु वाणी, और सेवा व करुणा। जीवन की वे बातें हैं, जो मानवता का नवीनीकरण करती हैं। 
  • शक की आदत सबसे खतरनाक है। शक लोगों को अलग कर देता है। यह दो अच्छे दोस्तों को और किसी भी अच्छे रिश्ते को बर्बाद कर देता है।
  • मन सभी मानसिक अवस्थाओं से ऊपर होता है।
  • अगर आपको अच्छा साथी ना मिले तो अकेले चलें। उस हाथी की तरह जोकि अकेले ही जंगल में घूमता है। अकेले रहना कहीं अच्छा है, बजाय उन लोगों के साथ के। जो कि आप की प्रगति में बाधा बनते हैं।
  • तीन चीजें लंबे समय तक छिप नहीं सकतीं: सूर्य, चंद्रमा और सत्य।
  • सात सागरों में जल की अपेक्षा मानव के नेत्रों से कहीं अधिक आँसू बह चुके।
  • अभिलाषा सब दुःखों का मूल है।
  • जो नसीहत नहीं सुनता। उसे लानत-मलामत सुनने का शौक होना चाहिए।
  • सत्य की राह पर चलने वाला मनुष्य दो ही गलतियां कर सकता है, या तो पूरा रास्ता तय नहीं करता या फिर शुरुआत ही नहीं करता।
  • ईर्ष्या और नफरत की भावनाएं जीवन में कोई भी खुशी हासिल नहीं करने देती हैं। ये भावनाएं हमारे मन की शांति खत्म कर देती हैं।
  • खुशी उन लोगों को कभी नहीं मिलेगी जो उनके पास पहले से मौजूद चीज़ों की सराहना करने में विफल रहते हैं।
  • हर सुबह हम फिर से जन्म लेते हैं। हम आज क्या करते हैं, यह सबसे ज्यादा मायने रखता है।
  • अतीत कितना भी कठिन क्यों न हो, आप हमेशा शुरुआत कर सकते हैं।
  • दुख की जड़ मोह है। इसलिए बेवजह अपने आप को किसी चीज से ज्यादा जोड़कर न रखें।
  • कोई भी चीज आपको उतना नुकसान नहीं पहुंचा सकती। जितना आपके खुद के बिना सोचे-समझे नकारात्मक विचार।
  • बुरे कर्मों से उसी प्रकार दूर रहो। जिस प्रकार जीवन से प्रेम करने वाला व्यक्ति जहर से दूर रहता है।
  • पुष्प की सुगंध वायु के विपरीत कभी नहीं जाती, लेकिन मानव के सद्गुण की महक सब ओर फैल जाती है।
  • हजार योद्धाओं पर विजय पाना आसान है, लेकिन जो अपने ऊपर विजय पाता है। वही सच्चा विजयी है।
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